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09 April 2019

पूर्व विदेश सचिव सहित 66 पूर्व नौकरशाहों की राष्ट्रपति को चिट्ठी, कहा- चुनाव आयोग की साख पर संकट

File Photo

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एक ओर जहां चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने के भी कई सारे आरोप नेताओं पर लग रहे हैं। चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए चुनाव आयोग पर निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने की बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन इस बीच देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के साथ ही आचार संहिता के पालन के प्रति चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग समेत कुल 66 पूर्व नौकरशाहों ने गहरी चिंता जताई और इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भी लिखा।  

66 पूर्व नौकरशाहों ने देश में लागू आचार संहिता के पालन के प्रति चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाया है। इसको लेकर उन्होंने चुनाव आयोग की शिकायत करते हुए अपने पत्र में ‘ऑपरेशन शक्ति’ के दौरान एंटी सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन, नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्म, वेब सीरीज, टीवी सीरियल में मोदी सरकार का महिमामंडन, टीवी सीरियल्स में मोदी सरकार की योजनाओं को दिखाना और बीजेपी के कई नेताओं के आपत्तिजनक भाषणों का जिक्र भी किया गया है। पूर्व नौकरशाहों का आरोप है कि इसपर चुनाव आयोग में शिकायत भी की गई लेकिन शिकायत के बावजूद महज दिखावे की ही कार्रवाई हुई।

राष्ट्रपति को पत्र लिखने वालों में इनका नाम है शामिल

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राष्ट्रपति को पत्र लिखकर चुनाव आयोग की शिकायत करने वालों में पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पंजाब के पूर्व डीजीपी जुलियो रिबेरो, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार और ट्राई के पूर्व चेयरमैन राजीव खुल्लर जैसे पूर्व नौकरशाह शामिल हैं।

आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने का आरोप 

पूर्व नौकरशाहों ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ दल और केंद्र सरकार अपने रुतबे का दुरुपयोग मनमाने ढंग से करते हुए आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उनके ऐसे मनमाने कामकाज से साफ है कि चुनाव आयोग के प्रति भी उनके मन में कोई सम्मान नहीं है।

राष्ट्रपति से पहले चुनाव आयोग को भी लिखा पत्र

पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखने से पहले चुनाव आयोग को भी पत्र लिखकर आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने की बात कही थी। इस पत्र में उन्होंने मोदी बायोपिक फिल्म समेत कई अन्य सामग्रियों पर अपनी गहरी चिंताएं जताई थी। अब यही शिकायती पत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी लिखा गया है।

चुनाव आयोग का निर्देश

इस बीच चुनाव आयोग ने निर्देश जारी करते हुए 11 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से अंतिम चरण तक मीडिया संस्थान और ज्योतिषी चुनाव को लेकर किसी तरह के चुनावी सर्वेक्षण या भविष्यवाणी पर रोक लगा दी है। आयोग की ओर से सोमवार को जारी निर्देश के अनुसार 11 अप्रैल को सुबह सात बजे पहले चरण का मतदान शुरू होने से 19 मई को शाम साढे़ छह बजे सातवें चरण का मतदान होने तक किसी भी तरह की भवष्यवाणी, चुनावी सर्वेक्षण और चुनाव परिणाम संबंधी आकलन नहीं किया जा सकेगा। इस दौरान ऐसी चुनावी भविष्यवाणी या आकलन संबंधी लेख न तो प्रकाशित हो सकेंगे और ना ही इनसे जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण हो सकेगा।

साथ ही, आयोग ने सभी 7 चरण का मतदान पूरा होने तक एक्जिट पोल सर्वे के प्रसारण प्रकाशन पर भी रोक लगा दी है। यह निर्देश लोकसभा चुनाव और 4 राज्यों (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम) के विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के विधानसभा उपचुनाव पर भी लागू होगी।

 

 

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TAGS: EC, Suffering, From Credibility Crisis, 66 Ex-Bureaucrats, Letter To President Kovind, lok sabha elections
OUTLOOK 09 April, 2019
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