प. बंगाल में हिंसा पर चुनाव आयोग सख्त, पोलिंग बूथ के अंदर नहीं होगी पुलिस-केंद्रीय बलों की तैनाती
इन दिनों देशभर में चुनावी माहौल है और इस बीच राजनीतिक पार्टियां भी एक-दूसरे पर आरोप लगाने से पीछे नहीं हट रही हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने पश्चिमी बंगाल में हुई हिंसा पर सख्ती दिखाई है। 5वें चरण के चुनाव को लेकर आयोग ने नया निर्देश दिया। आयोग के मुताबिक, न तो राज्य की पुलिस और न ही अर्धसैनिक बल चुनाव के दौरान पोलिंग बूथ में घुस पाएंगे।
यानी जिस जगह वोटिंग होनी है वहां सिर्फ चुनाव अधिकारी ही मौजूद रहेंगे। इससे पहले खबर थी कि पोलिंग बूथ के अंदर सिर्फ केंद्रीय बलों की तैनाती होगी। यानी राज्य की पुलिस को पोलिंग बूथ से दूर रखा जाएगा, लेकिन बाद में स्पष्ट किया गया कि अब दोनों को ही वोट डालने वाली जगह नहीं जाने दिया जाएगा।
चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई
चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान पश्चिमी बंगाल में हुई हिंसा पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कहा है कि पुलिस या अर्धसैनिक बल पोलिंग बूथ में तभी जा सकते हैं जब पोलिंग बूथ के अंदर मौजूद अधिकारी उन्हें बुलाए। साथ ही इस बार 5वें चरण के मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने सभी पोलिंग बूथों के अंदर की बजाय बाहर अर्धसैनिक बलों को तैनात करने का फैसला लिया है।
5वें चरण के मतदान के लिए केंद्रीय बलों को तैनात किया जा रहा
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किए गए विवेक दुबे ने कहा कि बंगाल में केंद्रीय बलों की कुल 578 कंपनियों को लोकसभा चुनाव 2019 के 5वें चरण के मतदान के लिए तैनात किया जा रहा है।
पुलिस को पोलिंग बूथ के आसपास रहने की इजाजत
उन्होंने आगे बताया कि मतदान कार्यक्रम को सौ फीसदी शांतिपूर्वक, हिंसा विहीन बनाने के लिए केन्द्रीय बलों को बूथ पर तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, केंद्रीय बलों द्वारा संचालित 142 क्विक रिस्पांस टीमें भी किसी आपात स्थिति में किसी भी स्थान पर पहुंचने के लिए तैयार होंगी। हालांकि, पुलिस को पोलिंग बूथ के आसपास रहने की इजाजत मिलेगी।
चौथे चरण में आसनसोल में हुई थी हिंसा
बता दें कि पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के दौरान आसनसोल, कृष्णानगर सीट पर काफी हंगामा हुआ था। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। वहीं भाजपा उम्मीदवार बाबूला सुप्रियो की गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया था। आसनसोल के जेमुआ स्थित मतदान केंद्र संख्या-222 और 226 पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लोगों का आरोप था कि इन केंद्रों पर केंद्रीय बलों की पर्याप्त मौजूदगी नहीं है। यहां मतदाताओं के विरोध को देखते हुए मतदान स्थगित कर दिया गया था।