दिल्ली में तीनों नगर निगमों के चुनाव 22 अप्रैल को
उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच पांच अप्रैल तक होगी और आठ अप्रैल तक नाम वापस लिये जा सकेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव ईवीएम की बजाय मत पत्रों के जरिए कराने के लिए पत्र लिखा है, के बारे में श्रीवास्तव ने बताया कि यह पत्र आज ही मिला है और आयोग ने इस संबंध में अपनी राय से दिल्ली सरकार को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग ने ईवीएम के जरिए ही मतदान कराने की तैयारी की है। मतपत्रों के जरिए चुनाव कराने के लिए नियमों में बदलाव करना होगा।
श्रीवास्तव ने बताया कि इससे पहले भी 2007 और 2012 के निगम चुनाव ईवीएम के जरिए कराये जा चुके हैं। वर्ष 2013 और 2016 में भी निगम के उपचुनाव ईवीएम से ही हुए थे। उन्होंने कहा कि ईवीएम से मतदान कराने के लिए सभी एहतियात बरते जाएंगे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव तिथि की घोषणा के साथ ही राजधानी में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। इस बार निगम चुनावों में कुल एक करोड़ 32 लाख 10206 मतदाता हैं। इनमें 73 लाख 15 हजार 955 पुरुष, 58 लाख 93 हजार 418 महिलाएं और 793 अन्य हैं।
उन्होंने बताया कि तीनों निगमों में कुल 272 वार्ड हैं। इनमें उत्तरी और पश्चिमी निगमों में 104-104 और पूर्वी दिल्ली निगम में 64 वार्ड हैं। उत्तरी दिल्ली में 42 वार्ड और दक्षिण में 44 सामान्य वर्ग के लिए हैं। पूर्वी दिल्ली में यह संख्या 26 है। उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली में क्रमश: 10 और 8 वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। पूर्वी दिल्ली में छह वार्ड इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली में क्रमश: 10 और 7 वार्ड अनुसूचित जाति तथा पूर्वी में पांच इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली में क्रमश: 42 और 45 तथा पूर्वी दिल्ली में 27 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इस प्रकार कुल 272 वार्डो में से 140 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
श्रीवास्तव ने बताया कि निगम चुनावों में पहली बार नोटा का इस्तेमाल होगा। खर्च की सीमा को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख 75 हजार रुपये की गई हैं। मतदान सुबह आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक होगा। करीब 14 हजार मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। (एजेंसी)