Advertisement
10 November 2020

हरियाणा उपचुनाव: कांग्रेस के इंदुराज बीजेपी के योगेश्वर दत्त पर भारी, 10,656 वोट से जीते

File Photo

आज आने वाले बरौदा के उपचुनाव के नतीजे को लेकर केवल भाजपा, इनैलो व कांग्रेस में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में खास तौर पर जाट समाज में उत्सुकता है। कांग्रेस व भाजपा दोनों ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं लेकिन नतीजों से आज जाहिर हो जाएगा कि जाट बेल्ट में किसकी चौधर चलने वाली वाली है। जाट बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र को जाटों का गढ़ माना जाता है। यहां जाटों की तादाद 50 से 60 फीसदी के बीच में है जबकि करीब 40 से 45 फीसदी वोट ब्राह्मण व एस.सी./बी.सी. का है। आमतौर पर माना जाता है कि यहां जाट वोट बैंक का साथ जिसे पूरे तौर पर मिल जाता है उसकी जीत तय हो जाती है।

बरौदा सीट से कांग्रेस के इंदुराज बीजेपी के योगेश्वर दत्त पर भारी पड़ गए हैं। इंदुराज ने 10,656 वोट से जीत दर्ज कर ली है।  

भाजपा ने इस बार फिर से ब्राह्मण पर खेला था  दांव

Advertisement

2009, 2014 व 2019 में जाटों के बलबूते पर ही कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी कृष्ण हुड्डा को यहां से विजयी बनाया था। कांग्रेस व इनैलो ने एक बार फिर जाट प्रत्याशी को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने इस बार फिर से ब्राह्मण पर दांव खेला है। वैसे अभी तक यहां से 7 बार इनेलो व 5 बार कांग्रेस अपनी जीत का परचम लहरा चुका है। यदि दत्त जीतता है तो बरोदा में पहली बार भगवा फहरेगा। 2019 में जजपा ने कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाकर 32480 वोट हासिल किए थे और भाजपा को अपने बलबूते पर 37726 वोट मिले थे। आज के नतीजे से पता चलेगा कि जजपा अपना कितना वोट बैंक भाजपा को ट्रांसफर करवा पाया। 3 कृषि कानून को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के चलते जजपा उस आक्रामक तरीके से भाजपा के प्रत्याशी योगेश्वर दत्त के लिए प्रचार नहीं कर पाया जिस तरह उसने 2019 में अपने प्रत्याशी भूपिंदर मालिक के लिए किया था,भाजपा ने जजपा को मान-सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी, इसके बावजूद यदि जजपा अपनी सहयोगी भाजपा की झोली में अच्छे खासे जाट वोट नहीं डाल पाई तो इसकी चौधर पर भी सवाल खड़े होना लाजमी होगा। 2019 में चुनावों में भी बरोदा की कमान मुख्यमंत्री के हाथ में थी और उस समय जजपा विपक्ष में थी। तब भाजपा के प्रत्याशी योगेश्वर दत्त को 37226 वोट मिले थे। आज यह साफ  हो जाएगा कि जजपा ने भाजपा के खाते में कितने वोट जोड़े। चुनावी नतीजे से यह भी साफ  हो जाएगा कि चौ. देवी लाल की असली विरासत का दावा करने वाले दुष्यंत चौटाला का जाटों ने कितना साथ दिया।

भाजपा, कांग्रेस व इनैलो के लिए बना प्रतिष्ठा का मुद्दा

मुख्यमंत्री ने 2019 के विकास कार्यों के बलबूते व चुनाव से पहले कुछ बड़ी घोषणाएं करके बरौदा के जाट वोट बैंक में भाजपा की हिस्सेदारी बनाई थी। हरियाणा भाजपा के पास पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यू व सुभाष बराला जैसे बड़े जाट नेता हैं। जाटों में उनकी पैठ का खुलासा आज के नतीजे हो जाएगा। इस बार भाजपा, कांग्रेस व इनैलो ने अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाकर जितना जोर लगाया था उसके हिसाब से मतदान बहुत ज्यादा नहीं हुआ। इस बार मतदान करीब 68 फीसदी रहा जबकि 2019 के आम चुनावों में यह 69.43 प्रतिशत था। 2014 में यह 73.92 व 2009 में 67.2 फीसदी था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Hariyana By election 2020, Congress, Induraj Narwal, BJP, Yogeshwar Dutt
OUTLOOK 10 November, 2020
Advertisement