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25 October 2019

जिनका काटा था टिकट उन्हीं के दरवाजे पहुंची बीजेपी, हरियाणा की सत्ता की चाबी है इनके पास

file Photo

हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में ‘अबकी बार, 75 पार’ के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा के अरमानों पर पानी फिर गया है। भाजपा 75 पार तो दूर, बहुमत के आंकड़े से भी दूर है। मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में बीजेपी को सिर्फ 40 सीटें हासिल हुईं यानी सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की जरूरत है। अगर नतीजों को देखें तो 7 सीटें निर्दलीयों के खाते में गई हैं और यही बीजेपी के बहुमत से दूर होने का कारण भी बने हैं। हरियाणा की सत्ता की चाबी जिन 7 निर्दलीय विधायकों के हाथ में है, उनमें से चार वे हैं जिन्हें बीजेपी टिकट देने में नजरअंदाज कर गई।

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 40, कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10, निर्दलीय को 7 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं जबकि, बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए। इस तरह से हरियाणा में बीजेपी को दूसरी बार सरकार बनाने के लिए निर्दलीय विधायकों के सहयोग की जरूरत पड़ेगी।

जब अपने ही हुए नाराज

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दरअसल, हरियाणा में चुनाव से पहले टिकट दिए जाने के दौरान भाजपा ने खट्टर सरकार के प्रति एंटी इन्कम्बेंसी हटाने के लिए टिकटों को बदला। दूसरे दल से लोग आए, कई स्टार भी मैदान में चुनावी मैदान उतरे लेकिन यही वजह बनी कि इस तरह के टिटक बंटवारे से अपने ही नाराज हो गए। तो जानते हैं उन नेताओं के बारे में जिनसे सहयोग की उम्मीद से भाजपा हरियाणा में बीजेपी को दूसरी बार सरकार बनाने के लिए उनके दरवाजे पर जा पहुंची है-  

पृथला से नयन पाल रावत

फरीदाबाद की पृथला सीट से निर्दलीय नयन पाल रावत ने 16429 वोटों से जीत हासिल की है। 2014 में नयन पाल रावत ने बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमाई थी और दूसरे नंबर पर रहे थे। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट न देकर बसपा से आए टेकचंद शर्मा को दिया था। ऐसे में नयन पाल रावत ने निर्दलीय उतरकर जीत दर्ज की है।

दादरी से सोमबीर सांगवान

हरियाणा की दादरी विधानसभा सीट से निर्दलीय सोमबीर सांगवान ने 14080 वोटों ने जीत दर्ज की है। सोमबीर सांगवान बीजेपी द्वारा टिकट न दिए जाने से नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतरकर विधायक बने हैं। 2014 में सोमबीर बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी ने सोमबीर सांगवान की जगह बबीता फोगाट को उतारा था जो तीसरे नंबर पर रही।

महम से बलराज कुंडू

महम विधानसभा सीट से निर्दलीय बलराज कुंडू ने जीत दर्ज की है। बलराज कुंडू भी टिकट न मिलने के चलते बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतरे थे। बीजेपी ने कुंडू की जगह महम सीट से शमशेर खरकड़ा को टिकट दिया था।

पुंडरी से रणधीर सिंह गोलन

पुंडरी विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रणधीर सिंह गोलन ने जीत दर्ज की है। गोलन ने भी बीजेपी की ओर से टिकट न मिलने से नाराज होकर बागी रुख अपनाया था जबकि 2014 में पुंडरी सीट से गोलन बीजेपी के प्रत्याशी थे। इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया था। हालांकि महम सीट पर अभी तक 6 बार निर्दलीय जीतने में सफल रहे थे। यहां रणधीर पहले नंबर पर और बीजेपी के उम्मीदवार वेदपाल एडवोकेट तीसरे नंबर पर रहे।

बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद, रानिया से रंजीत सिंह

वहीं, राज्य के बादशाहपुर विधानसभा सीट पर निर्दलीय राकेश दौलताबाद ने जीत दर्ज की है। वो इस सीट पर दूसरी बार निर्दलीय मैदान में उतरे थे। ऐसे ही रानिया विधानसभा सीट पर निर्दलीय रंजीत सिंह ने जीत दर्ज की है। रंजीत सिंह कांग्रेस से बगावत कर मैदान में उतरे थे। 2009 से रंजीत सिंह इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ते रहे हैं।

बीजेपी को भारी पड़ा स्टार पर भरोसा करना

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार स्टार पावर पर भरोसा किया, उसके चक्कर में कई अपनों के टिकट काट दिए और यही भाजपा को भारी पड़ गया। दंगल गर्ल बबीता फोगाट चुनाव हार गईं, पहलवान योगेश्वर दत्त भी हार गए और टिकटॉक की स्टार सोनाली फोगाट भी अपनी सीट नहीं बचा सकीं।

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TAGS: Haryana Election: Five MLAs, whose rebellion, snatches, majority, from BJP
OUTLOOK 25 October, 2019
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