कर्नाटक उपचुनाव में येदियुरप्पा को पूर्ण बहुमत, 15 में से 12 सीटों पर जीती बीजेपी
कर्नाटक में 6 दिसंबर को 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम आने जारी हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 12 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस सिर्फ दो सीटें जीत पाई है, जबकि एक सीट निर्दलीय को मिली है। इन सबके बीच खास बात यह है कि जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) का खाता नहीं खुला। इस परिणाम के साथ ही येदियुरप्पा सरकार को विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिल गया है।
शुरुआती रूझानों को लेकर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा, “हमें इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं के जनादेश से सहमत होना होगा। लोगों ने दलबदलुओं को स्वीकार कर लिया है। हमने हार स्वीकार कर ली है, मुझे नहीं लगता कि हमें निराश होना चाहिए।”
इन सीटों पर हुए थे चुनाव
अथानी, कागवाड, गोकक, येल्लापुरा, हीरकपुर, रानीबेन्नूर, विजयनगर, चिकबल्लापुरा, के.आर. पुरा, यश्वंतपुरा, महालक्ष्मी लेआउट, शिवाजी नगर, होसकोट, केआर पेटे और हनसुर में उप चुनाव हुए थे। इस दौरान यहां कुल 67.91 प्रतिशत मतदान हुआ था। यहां सबसे ज्यादा मतदान होसकोट विधानसभा क्षेत्र (90.9 प्रतिशत) में दर्ज किया गया था, जबकि सबसे कम केआर पुरम (46.74 प्रतिशत) था।
इसलिए हुए उपचुनाव
यह उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिए हुए थे। इन विधायकों में कांग्रेस और जेडीएस के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत की वजह से इस साल जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। भाजपा और विपक्षी कांग्रेस सभी 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ थे। जबकि जेडीएस ने अपने 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जहां चुनाव त्रिकोणीय होने की संभावना है। भाजपा ने चुनाव मैदान में कांग्रेस और जेडीएस छोड़कर आए क्रमश: 11 और तीन विधायकों को उतारा है। इनलोगों ने 14 नवंबर को सत्तारूढ़ पार्टी का दामन थामा था।
अयोग्य विधायकों को मिली थी चुनाव लड़ने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को अपने फैसले में विधायकों की अयोग्यता बरकरार रखते हुए इन्हें दोबारा चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी। विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने 25 और 28 जुलाई को इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
येदियुरप्पा सरकार का भाग्या होगा तय
यह उपचुनाव येदियुरप्पा सरकार का भाग्य तय करेगा। भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर समेत) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हो रहे) में कम से कम छह सीटें जीतने की आवश्यकता है। हालांकि, अब भी मास्की और आरआर नगर सीटें खाली रहेंगी।