लोकसभा चुनाव: पहले-दूसरे चरण के मतदान के अंतिम आंकड़ों में देरी पर रार; विपक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस, माकपा और तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान के अंतिम आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर मंगलवार को सवाल उठाया।
निर्वाचन आयोग ने 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को हुए पहले और दूसरे चरण के मतदान का प्रतिशत शाम को सार्वजनिक किया।लोकसभा चुनाव के लिए मतदान सात चरणों में हो रहा है। मतगणना चार जून को होगी।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अंतत: निर्वाचन आयोग ने पहले दो चरण के लिए मतदान के अंतिम आंकड़े जारी कर दिए हैं, जो प्रारंभिक आंकड़ों से मामूली नहीं, बल्कि काफी अधिक हैं।’’
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘दूसरे चरण के समाप्त होने के चार दिन बाद, निर्वाचन आयोग ने मतदान के अंतिम आंकड़े जारी किए। निर्वाचन आयोग ने चार दिन पहले जो आंकड़े जारी किए थे, उससे 5.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी (मतदान में उछाल) हुई है।’’
उन्होंने सवाल किया ‘क्या यह सामान्य है?’
इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव संबंधी सभी आंकड़ें समय पर और पारदर्शी तरीके से जारी करना जरूरी है और उसे आंकड़े सार्वजनिक करने चाहिए।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘पहली बार, प्रथम चरण के मतदान के 11 दिन बाद और दूसरे चरण के चार दिन बाद भी आयोग द्वारा अंतिम मतदान प्रतिशत प्रकाशित नहीं किया गया है। अतीत में, आयोग मतदान के तुरंत बाद या 24 घंटों के भीतर मतदान के अंतिम आंकड़े सार्वजनिक करता था। आयोग की वेबसाइट पर केवल अनुमानित मतदान आंकड़े ही उपलब्ध हैं। इस देरी का क्या कारण है।’’
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने आरोप लगाया था, ‘‘(प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी ने अपना प्रभुत्व कायम करने और निर्वाचन आयोग को नष्ट करने के लिए संसद में कानून बदलवा दिया। अब दो चरणों के बाद भी आयोग ने मतदान के अंतिम आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं।’’
उन्होंने सवाल किया था, ‘‘ये देरी क्यों? पहले दो चरण अच्छे नहीं रहे, क्या इसलिए ऐसा है। आयोग हर चरण के बाद प्रेसवार्ता क्यों नहीं करता है?’’
इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा था, ‘‘यह बहुत परेशान करने वाला है। परिणामों में हेरफेर को लेकर गंभीर आशंकाएं पैदा होती हैं।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘निर्वाचन आयोग ने पहले दो चरणों के अंतिम मतदान आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है। केवल अनुमानित मतदान प्रतिशत ही बताए गए हैं।’’