मप्र उपचुनावः 28 सीटों पर करीब 70 फीसदी मतदान, सिंधिया के क्षेत्र में मतदाताओ ने दिखाई बेरूखी
मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर मंगलवार को मुरैना जिले में इक्कादुक्का घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया और कुल 63 लाख 67 हजार से अधिक मतदाताओं में से लगभग 70 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। मतगणना 10 नवंबर को संबंधित विधानसभा क्षेत्र या जिला मुख्यालय पर होगी। इस उपचुनाव में 12 मंत्रियों समेत 355 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी हुई है।
मुरैना, भिंड और ग्वालियर जिलों के अलावा शेष जिलों में कोविड की स्थितियों के बावजूद मतदाताओं ने अपेक्षाकृत खासा उत्साह दर्शाया है। अनुमान है कि मतदान संबंधी अंतिम आकड़े आने के बाद यह प्रतिशत और बढ़ जाएगा। इन 28 विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में 72.93 और लोकसभा चुनावों के दौरान 66.22 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे। ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व, ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र है। शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद दोनों विधान सभा में इतना कम मतदान हुआ है। उपचुनाव की 28 सीटों में केवल यही दो ऐसी है जहां पर 50 फीसदी से कम मतदान हुआ है।
मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा क्षेत्र में एक दो स्थानों पर गोली चलने की घटनाओं के अलावा सभी क्षेत्रों मे मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ है। असामाजिक तत्वों की हरकतों पर पुलिस ने भी तत्काल आवश्यक कदम उठाए। वहीं पड़ोसी भिंड जिले में कुछ लोगों को ऐहतियातन नजरबंद किया गया है।
मतदान सुबह सात बजे प्रारंभ हुआ और शाम छह बजे संपन्न हो गया। आगरमालवा जिले में 80 प्रतिशत से अधिक मतदान होने की खबर है। इसके अलावा अशोकनगर जिले में 72 प्रतिशत, अनूपपुर में 67, भिंड में 55, बुरहानपुर में 72, छतरपुर में 68, दतिया में 71, देवास में 80, धार में 81, गुना में 77, ग्वालियर में 49, इंदौर में 75, खंडवा में 74, मंदसौर में 80, मुरैना में 56, रायसेन में 68, राजगढ़ में 80, सागर में 70 और शिवपुरी जिले में 71 प्रतिशत मतदान हुआ है। अंतिम आकड़े देर रात तक आने की उम्मीद है। कुल 9 हजार 361 मतदान केन्द्रों पर मतदान हुआ। उपचुनाव में कुल 355 उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है, जिनमें 12 मंत्री भी शामिल हैं। मतदान के लिये 13 हजार 115 बैलेट यूनिट, 13 हजार 115 कंट्रोल यूनिट और 14 हजार 50 वीवीपेट जिलों में उपलब्ध कराए गए। मतदान शुरू होने से 90 मिनिट पहले उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति में मॉकपोल भी हुआ। मॉकपोल के दौरान 63 कंट्रोल यूनिट और 196 वीवीपेट खराब पाए जाने पर उन्हें बदला गया।
राज्य के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण कुमार तोमर ने बताया कि मतदान सात बजे शुरू होने के बाद 29 बैलेट यूनिट, 23 कंट्रोल यूनिट और 88 वीवीपेट खराब हुए, जिन्हें तत्काल बदलकर संबंधित मतदान केंद्रों पर मतदान फिर से शुरू कराया गया।
राज्य में 19 जिलों के जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, भांडेर, करैरा, पोहरी, बामोरी, अशोकनगर, मुंगावली, सुरखी, मलहरा, अनूपपुर, सांची, ब्यावरा, आगर, हाटपिपल्या, मांधाता, नेपानगर, बदनावर, सांवेर और सुवासरा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इनमें से 16 सीट ग्वालियर चंबल अंचल से हैं।
कुल 28 सीटों में से 25 पर संबंधित विधायकों के त्यागपत्र और 03 अन्य पर विधायकों के निधन के कारण उपचुनाव हुए। इन 28 सीटों में से 27 पर कांग्रेस का और एकमात्र आगर सीट पर भाजपा का कब्जा था।
उपचुनाव में राज्य के 12 मंत्रियों और कुछ पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी है। पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट (भाजपा, सांवेर) और गोविंद सिंह राजपूत (भाजपा, सुरखी) की किस्मत आज ईवीएम में बंद हो गई इसके अलावा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (सांची), लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एदल सिंह कंसाना (सुमावली), कृषि राज्य मंत्री गिर्राज डंडोतिया (दिमनी), सहकारिता राज्य मंत्री ओपीएस भदोरिया(मेहगांव), ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (ग्वालियर), महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी (डबरा) और लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ (पोहरी) की प्रतिष्ठा भी दाव पर है।
राज्य में सत्तारूढ़ दल भाजपा सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया(बामोरी), बृजेंद्र सिंह यादव (मुंगावली), बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर), राजवर्धन सिंह दत्तीगांव (बदनावर) और हरदीप सिंह डंग (सुवासरा) भी चुनाव मैदान में हैं। पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह बौद्ध बसपा के टिकट पर भांडेर से चुनाव मैदान में हैं। वे पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा भांडेर से इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर बसपा के पूर्व प्रदेश प्रमुख फूल सिंह बरैया भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बामोरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के टिकट पर पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल भी कांटे की टक्कर में हैं। वे पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
दो सौ तीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में वर्तमान में 201 विधायक हैं। इनमें से भाजपा के 107, कांग्रेस के 87, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। कुल 29 सीट रिक्त हैं, जिनमें से 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। दमोह सीट हाल ही में कांग्रेस विधायक राहुल सिंह के हाल ही में विधायक पद से त्यागपत्र देने के कारण रिक्त हुयी है। त्यागपत्र देने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए हैं।