महाराष्ट्र में सियासी संकट थमा, विधान परिषद की नौ सीटों पर चुनाव 21 मई को
महाराष्ट्र में गहरा रहे राजनीतिक संकट के बीच चुनाव आयोग ने आगामी दिनों में सूबे में 9 खाली सीटों पर चुनाव कराने को मंजूरी दे दी है। चुनाव आयोग ने विधान परिषद की नौ सीटों पर चुनाव की तिथि 21 मई तय की है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदान के दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए जरूरी सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करना भी जरूरी है। इससे पहले यह चुनाव तीन अप्रैल को होने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस संकट की वजह से इन्हें टाल दिया गया था। प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच उद्धव ठाकरे इस मसले को लेकर खुद पीएम नरेंद्र मोदी को फोन कर चर्चा कर चुके हैं।
उद्धव ठाकरे नहीं हैं किसी सदन के सदस्य
दरअसल, उद्धव ठाकरे अभी महाराष्ट्र विधानसभा या विधान परिषद में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। संवैधानिक नियमों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के अंदर किसी-न-किसी सदन की सदस्यता लेना उनके लिए अनिवार्य है। उन्हें 27 मई से पहले तक किसी भी सदन का सदस्य बनना होगा। पिछले साल 28 नवंबर को शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी से की मुलाकात
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शुक्रवार को मुंबई स्थित राज भवन में मुलाकात की। राज भवन से जारी एक बयान में बताया गया कि यह बैठक करीब 20 मिनट तक चली। बैठक के दौरान, ठाकरे ने महाराष्ट्र राज्य के 60वें स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल को बधाई दी और बदले में शुभकामनाएं स्वीकार की।
राज्यपाल कोश्यारी ने चुनाव आयोग को लिखा था पत्र
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों पर चुनाव कराने की मांग की। राज्यपाल ने चुनाव आयोग को लिखा है कि वह राज्य में मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता को खत्म करने के लिए विधान परिषद की 9 सीटों पर चुनाव करवाएं। ये सीटें 24 अप्रैल से खाली हैं।
कोरोना के चलते टले थे चुनाव
दुनियाभर में आतंक मचा रहे कोरोना ने फरवरी के आखिर में भारत में भी दस्तक दे दी थी। इसके चलते चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था। इस बीच सीएम उद्धव ठाकरे के पद पर शपथ लेने के 6 महीने पूरे होने की स्थिति आ गई है। इसके चलते राज्य में सीएम की कुर्सी पर संकट गहरा गया है। यही वजह है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग से तत्काल चुनाव कार्यक्रम घोषित करने की मांग भी की थी। इसके साथ ही उद्धव सरकार ने विपक्षी दल भाजपा पर भी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी से भी की थी बात
चुनाव आयोग ने कोरोना संकट के बीच इन 9 सीटों पर चुनाव प्रक्रिया को रोक दिया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुद को एमएलसी मनोनीत करने को लेकर राज्यपाल के फैसले पर असमंजस के बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। उद्धव ठाकरे ने पीएम से कहा था कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि वो इस मामले को देखेंगे और अधिक जानकारी लेंगे।