महाराष्ट्र में राज्यपाल से मिले बीजेपी नेता, कहा- जनता ने बीजेपी-शिवसेना को दिया है बहुमत
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के करीब पखवाड़े भर बाद भी सरकार का गठन नहीं हो पाया है। शिवसेना और भाजपा के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर खींचतान कायम है। इस बीच गुरुवार को महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की अगुवाई में पार्टी नेताओं ने आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। ऐसे में राज्य में नई सरकार के गठन की संभावनाएं बनती नजर आ रही है। हालांकि शिवसेना की बात करें तो वह अब भी अपनी शर्तों पर अड़ी दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री पद (ढाई साल के लिये) पर शिवसेना के दावा छोड़ने से इनकार करने के बीच पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा है कि पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे को भाजपा से अब तक कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। सीएम शिवसेना का ही होगा। जबकि एनसीपी ने साफ कर दिया है कि वह विपक्ष में बैठने को प्राथमिकता देगी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने बीजेपी-शिवसेना को बहुमत दिया है। हमने राज्यपाल को सरकार बनने की देरी में बताया। अब फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना होगा।
इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार गठन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जल्द फैसला हो जाएगा। देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनेगी। इस मामले से आरएसएस और मोहन भागवत का कोई संबंध नहीं है। साथ उन्होंने कहा कि मेरा सीएम बनने का सवाल ही नहीं है। मैं दिल्ली में ही रहूंगा।
क्या गतिरोध जल्द हो जाएगा समाप्त...
भाजपा और शिवसेना, दोनों दलों के सूत्रों ने बताया कि हिन्दुत्व विचारधारा रखने वाले दोनों पुराने सहयोगी दलों के बीच अनौपचारिक बातचीत जारी है और गतिरोध जल्द समाप्त होने की उम्मीद है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि गतिरोध जल्द समाप्त हो जाएगा. अगर सब कुछ सही रहा, तो नौ नवंबर से पहले नई सरकार बन सकती है।’’ हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि भाजपा की ओर से शिवसेना को क्या पेशकश की गई है ताकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को संतुष्ट किया जा सके। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी।
शिवसेना का ही होगा सीएम: संजय राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हम बयानबाजी में विश्वास नहीं करते हैं। जिसके पास बहुमत है वह सरकार बनाएगा। मुख्यमंत्री तो शिवसेना का होगा। मेरी कभी कोई आकांक्षा नहीं थी। उन्होंने कहा कि मातोश्री में आज शिवसेना विधायकों की बैठक होगी। इस बैठक में उद्धव ठाकरे आगे की रणनीति बताएंगे। वहीं राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आरएसएस प्रमुख और उद्धव ठाकरे के बीच अभी तक कोई संवाद नहीं हुआ है।
बता दें कि शिवसेना ‘‘50:50 फार्मूले’’ पर जोर दे रही है और मुख्यमंत्री पद ढाई साल के लिये मांग रही है, मगर भाजपा इस पर राजी नहीं है। शिवसेना का दावा है कि भाजपा इस फार्मूले पर सहमत हुई थी। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल में हुए चुनाव में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि शिवसेना 56 सीटों पर विजयी रही। शिवसेना ने पिछले कुछ दिनों में अपने सहयोगी दल के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए हैं, जबकि भाजपा ने देखो और इंतजार करो की नीति अपनायी. शिवसेना ने राकांपा से भी सम्पर्क साधा।
भाजपा से कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला है: शिवसेना
राज्य में यथाशीघ्र सरकार बनाने की भाजपा और शिवसेना से पवार की अपील पर एक सवाल के जवाब में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘‘वह सही हैं। 105 विधायकों वाली पार्टी को सरकार बनाना चाहिए।’’ राउत ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद साझा करने के विषय पर भाजपा और उनकी पार्टी के बीच सहमति बनी थी। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा से कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला है, ना ही शिवसेना की ओर से उसे भेजा गया है।’’ यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति कब बनेगी, राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘चुनाव से पहले इस पद को लेकर सहमति बनी थी।’’
एनसीपी-कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला
इससे पहले, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी और कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनाने की जिम्मेदारी भाजपा-शिवसेना की है।
गौरतलब है कि हालिया विधानसभा चुनाव में 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सबसे ज्यादा 105 सीटों पर जीत मिली। शिवसेना 56, राकांपा 54 और कांग्रेस 44 सीटों पर विजयी रही. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को भाजपा और शिवसेना से महाराष्ट्र में यथाशीघ्र सरकार बनाने को कहा। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी और उसकी सहयोगी कांग्रेस एक ‘‘जिम्मेदार विपक्ष’’ की भूमिका निभाएगी। भाजपा और शिवसेना के पास शासन करने का जनादेश होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ उन्हें जल्द से जल्द सरकार बना राज्य को संवैधानिक संकट से बचाना चाहिए, और हमें जो जनादेश मिला है(विपक्ष में बैठने का) वह काम हमें करने देना चाहिए।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के बुधवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय परिवहन मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी से मुलाकात करने के घटनाक्रम का पवार ने कोई राजनीतिक निहितार्थ निकालने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘यह मुलाकात जरूर ही सड़क से जुड़े किसी काम के बारे में रही होगी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ने यह धारणा बदल दी है कि भाजपा के बहुमत हासिल करने या नहीं करने की स्थिति में भी भाजपा के प्रमुख अमित शाह राज्य में सरकार गठन को सुनिश्चित कर सकते हैं, पवार ने कहा, ‘‘यदि वह विशेषज्ञ हैं तो आपकी (मीडिया की) तरह हम भी इस विशेषज्ञ के कौशल को देखने का इंतजार कर रहे हैं।’’