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18 June 2015

गुजरात में अनिवार्य मतदान पर बवाल

आउटलुक

इस मुद्दे पर सरकार के संकल्प को स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मतदान नहीं करने वाले मतदाताओं के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने गुरुवार को कहा, ‘हम अनिवार्य मतदान कानून के लिए नियम अधिसूचित करने की प्रक्रिया में हैं। इसे गुजरात में निगम और जिला पंचायत चुनावों में लागू किया जाएगा। हम उन लोगों के लिए भी नियम तैयार कर रहे हैं जो अपना मतदान नहीं करते हैं और मानदंडों को शीघ्र घोषित किया जाएगा।’

मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस कानून का जोरदार विरोध किया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि इससे निरंकुशता की बू आती है, जिसके तहत लोगों को प्रताडि़त किया जाएगा। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला ने कहा, ‘आप बहुमत के जरिये कानून पारित कर सकते हैं लेकिन आपको इसके पीछे की भावना को देखना होगा। इस तरह की अनिवार्य मतदान प्रणाली रूस जैसे कम्युनिस्ट देश में प्रचलन में थी।’

वाघेला ने अहमदाबाद में कहा, ‘कानून संविधान के अनुरूप होना चाहिए। हमारे देश का संविधान लोगों को मतदान करने का अधिकार देता है और अब यह लोगों पर निर्भर है कि वे मतदान करें या नहीं करें।’ अनिवार्य मतदान विधेयक राज्य विधानसभा ने सबसे पहले 2009 में पारित किया था। इसे तत्कालीन राज्यपाल कमला बेनीवाल ने मंजूरी नहीं दी थी।

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विधेयक में मतदान नहीं करने वालों को दंडित करने का प्रावधान है। इस विधेयक को 2011 में भी पारित किया गया था लेकिन इसे राज्यपाल ओ पी कोहली ने नवंबर 2014 में अपनी मंजूरी दी और यह अधिनियम बन गया।

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TAGS: निकाय चुनाव, गुजरात, अनिवार्य मतदान, Congress, Anandiben Patel, Shankar Singh Vaghela
OUTLOOK 18 June, 2015
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