मोदी लहर पर 'आप' का ब्रेक?
अगर ऐसा हुआ तो विकास को रफ्तार देने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तगड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली और इसका श्रेय नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिया जा रहा था। लेकिन दिल्ली में अगर हार हुई तो इसका राष्ट्रीय राजनीति पर बड़ा असर पड़ने वाला है।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आने वाले दिनों में कई राज्यों के विधानसभा चुनावों को भी प्रभावित कर सकते हैं। क्योंकि भाजपा नरेंद्र मोदी की छवि और अमित शाह की रणनीति के सहारे यह मानकर चल रही थी कि उसका विजय रथ रूकने वाला नहीं है।
लेकिन एक्जिट पोल के मुताबिक दिल्ली में भाजपा आम आदमी पार्टी से पिछड़ रही है। ऐसे में इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर बड़ा असर पड़ सकता है। जहां भाजपा को रोकने के लिए राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा जिस उत्साह के साथ अन्य दलों के नेताओं को तोड़ने काम कर रही है उस पर विराम लग सकता है।
क्योंकि मोदी लहर को मानकर दूसरे दलों के नेता भाजपा में आने को बेताब दिख रहे हैं। लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम तय करेंगे कि भाजपा से जुड़ना फायदेमंद होगा या नहीं। वैसे भी दिल्ली में भाजपा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर यह साबित कर दिया कि पार्टी के पुराने नेताओं पर अब भरोसा नहीं रहा है। ऐसे में पार्टी के जो पुराने कार्यकर्ता हैं उनमें भी नाराजगी साफ तौर पर देखी जा रही है।
दिल्ली में मतदान के समय कई भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी लाइन से अलग हटकर वोट डालते देखा गया। जब उनसे पूछा गया तो उनका यही जवाब था कि भाजपा को कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं है।