हमारा गठबंधन गंगा-यमुना का संगमः राहुल
राहुल और अखिलेश ने प्रदेश की राजधानी में अपना रोड शो करने से पहले संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की। राहुल ने कहा, इस गठबंधन से उनके अखिलेश के निजी और राजनीतिक संबंध गहरे हुए हैं। यह गंगा और जमुना का संगम है, जिसमें से तरक्की की सरस्वती निकलेगी।
उन्होंने कहा, हम क्रोध और गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते हैं क्योंकि इससे जनता को नुकसान हो रहा है। जो क्रोध भाजपा और संघ फैला रहे हैं, उसका मुकाबला करने के लिए हम एक साथ आए हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के डीएनए में क्रोध नहीं बल्कि प्रेम और भाईचारा है। संघ और भाजपा पर हमला जारी रखते हुए राहुल ने उन्हें फासीवादी करार दिया और कहा कि उनकी नीयत साफ नहीं है जबकि अखिलेश की नीयत सही है और उन्होंने पिछले पांच साल कोशिश भी की। जो अखिलेश की नीयत है वही उनकी (राहुल) नीयत है और राजनीति नीयत पर होती है।
कांग्रेस के साथ मिलकर 300 से अधिक सीटों पर जीत का दावा करते हुए अखिलेश ने कहा, साइकिल (सपा का चुनाव निशान) के साथ हाथ (कांग्रेस का निशान) हो तो सोचो रफ्तार कितनी होगी। हम दो पहिये हैं। विकास का और खुशहाली का। ये गठबंधन प्रेम और सद्भाव बढाने का काम करेगा।
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैली में कहा कि हम पीपीपी (प्रोग्रेस, प्रास्पेरिटी और पीस) यानी प्रगति, संपन्नता एवं शांति के लिए उत्तर प्रदेश में काम करेंगे। उनके साथ मौजूद अखिलेश ने एक कदम आगे बढते हुए कहा कि वह पीपीपी में एक पी और जोडते हैं कि यह गठबंधन पीपुल्स एलायंस (जनता का गठबंधन) बनकर उभरेगा। राहुल ने कहा कि वह नए तरह की राजनीति करना चाहते हैं और युवाओं को विकल्प देना चाहते हैं। सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन अवसरवादी गठबंधन नहीं है बल्कि दिल का गठबंधन है।
हालांकि गठबंधन को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे राहुल अमेठी और रायबरेली की सीटों पर खुलकर बोलने से बचते रहे। इस बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अमेठी या रायबरेली केंद्रीय मुद्दा नहीं है बल्कि केंद्रीय मुद्दा यह है कि हमें उत्तर प्रदेश को बदलना है और भाजपा एवं संघ की झूठ की राजनीति तथा नोटबंदी की राजनीति को खत्म करने के लिए हम साथ मिलकर लड़ रहे हैं। चुनाव प्रचार में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शामिल किया जाएगा या नहीं, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, दोनों का आशीर्वाद बना रहे, तो भी जीत मिल जाएगी।
राहुल की बहन प्रियंका वाड्रा और अखिलेश की सांसद पत्नी डिम्पल यादव के चुनाव प्रचार में उतरने के बारे में किए गए प्रश्न पर जहां राहुल ने कहा कि यह प्रियंका पर निर्भर करता है कि वह इस बारे में क्या फैसला करती हैं वहीं अखिलेश ने कहा कि डिम्पल सांसद हैं और वह खुद तय करेंगी कि उन्हें क्या करना है।
मायावती और संघ की तुलना मत करिये: राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि वह बसपा अध्यक्ष मायावती का आदर करते हैं और उनकी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना नहीं की जानी चाहिये। राहुल ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर कहा, कांशीराम जी की तरह मैं मायावती जी का भी निजी रूप से आदर करता हूं। प्रदेश में बसपा ने सरकार चलायी, उसने कुछ गलतियां भी की, लेकिन मायावती के प्रति मेरा आदर बना रहा है। भाजपा और बसपा में बहुत बड़ा फर्क है। उन्होंने कहा, भाजपा क्रोध और नफरत फैलाकर एक हिन्दुस्तानी को दूसरे से लड़ाती है। उसकी विचारधारा से देश को खतरा है। मायावती की विचारधारा से देश को खतरा नहीं है। देश को आगे बढ़ना है तो हर धर्म के लोगों को एक साथ खड़े होना होगा। इस देश को तोड़कर आगे नहीं ले जाया जा सकता। मायावती जी और संघ में तुलना मत करिये। भाजपा को हराने के लिये सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक मंच पर लाने की कोशिश के तहत इस गठबंधन में मायावती को भी साथ लेने की जरूरत सम्बन्धी सवाल पर मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि मायावती इस गठबंधन में बहुत ज्यादा जगह (हिस्सेदारी) मांगती, उतनी मैं और राहुल नहीं दे पाते।