भाजपा घोषणा-पत्र से नदारद राम मंदिर आदित्यनाथ के एजेंडे में बरकरार
पांच बार के लोकसभा सदस्य आदित्यनाथ पार्टी के हिन्दुत्व एजेंडे के साथ-साथ विकास के एजेंडे का चेहरा हैं। भाजपा राज्य में अंतिम दो चरणों में होने वाले 89 सीटों के मतदान के लिए पूरा जोर लगा रही है ताकि राज्य की सत्ता पर काबिज हो सके। वर्ष 2012 में हुए विधान सभा चुनाव में इन सीटों में से पार्टी केवल 11 सीट ही जीती थी, जबकि सपा 50, बसपा को 14 और कांग्रेस को सात सीट मिली थी।
एक के बाद एक जनसभा में वह समाजवादी पार्टी के मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर हमलावर हैं और वादा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार उनके (हिन्दुओं के) हितों की रक्षा करेगी।
सभाओं को संबोधित करते हुए 45 वर्षीय आदित्यनाथ कहते हैं, सपा सरकार के विकास का मतलब कब्रिस्तान का विकास है। अगर भाजपा की सरकार बनती है तो ऐसा नहीं होगा कि उन्हें (मुस्लिम) अपने त्योहार में डीजे बजाने दिया जाएगा लेकिन आपको दुर्गा पूजा में नहीं बजाने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, अगर सपा की सरकार सत्ता में वापस आती है तो आपके विकास के लिए तय धनराशि का इस्तेमाल कब्रिस्तान के विकास में किया जाएगा। भाजपा सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।
आदित्यनाथ ने पीटीआई से कहा कि उनका एजेंडा सबका विकास का है लेकिन वह सपा और बसपा के एक समुदाय के तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ है। उन्होंने इसे विस्तार से बताने से इनकार किया।
बरहमपुर में आदित्यनाथ ने गोरखपुर को लखनऊ, दिल्ली औैर मुंबई जैसे बड़े शहरों से राजमार्ग से जोड़ने के निर्णय और गोरखपुर में एम्स बनाने की घोषणा सहित नरेन्द्र मोदी सरकार के कई विकास कार्यों का उल्लेख किया और सभा में में मौजूद दलितों और अति पिछड़े वर्गों के लोगों से भाजपा को वोट देने की अपील की।
बसपा के जनाधार वाला क्षेत्र माने जाने वाले एक स्थान पर उन्होंने दलितों को याद दिलाया कि हत्या के एक मामले में इस समय जेल में बंद मुख्तार अंसारी मायावती की पार्टी में शामिल हुए हैं और केवल भाजपा सरकार ही उसे सबक सिखा सकती है।
अगर अंसारी सबसे बड़ा गुंडा है तो सपा का मुस्लिम चेहरा आजम खान सबसे भ्रष्ट है। हालांकि आजम खान का पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोई खास प्रभाव नहीं है।
एजेंसी