चुनाव में लुभावने वादे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सख्त, केन्द्र और चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस
राजनीतिक दलों को मुफ्त की चीजें बांटने का वादा करने से रोकने की मांग करने वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार और केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। भाजपा नेता की इस याचिका में मांग की गई थी कि चुनाव से पहले वोटरों को लुभाने के लिए मुफ्त उपहार बांटने और गैरवाजिब वायदा करने वाले पार्टियों की मान्यता को रद्द किया जाए।
वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि जब तमाम राजनैतिक दल ऐसे ही फ्री गिफ्ट देने का वायदा कर रहे हैं, तब आपने सिर्फ दो ही पार्टियों का जिक्र याचिका में क्यों किया? बाकी का जिक्र क्यों नहीं किया गया? कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये गंभीर मामला है। चुनाव को प्रभावित करता है, लेकिन अदालत के दखल का दायरा बहुत सीमित है। कोर्ट ने आगे कहा कि हमने चुनाव आयोग को इस पर गाइडलाइंस बनाने को कहा लेकिन इलेक्शन कमीशन ने महज एक मीटिंग की। उसका नतीजा क्या रहा, ये पता नहीं।