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11 April 2019

गाजियाबाद में 55 मतदान का क्या है मतलब, जानिए भाजपा और महागठबंधन में किसके हाथ बाजी

आउटलुक

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में दोपहर 5 बजे तक 55 फीसदी तक वोटिंग हुई है। करीब 27 लाख मतदाता वाले गाजियाबाद में प्रमुख लड़ाई भारतीय जनता पार्टी के जनरल ( ‌रिटायड)  वी.के.सिंह और महागठबंधन की तरफ से लड़ रहे बसपा नेता सुरेश बंसल और कांग्रेस की डॉली शर्मा के बीच है। शहर के अधिकतर मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से ही भीड़ दिखाई दे रही है। जहां पर आपको साफ तौर से दो पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर होने का अहसास हो जाएगा। मतदाताओं में जातीय समीकरण के आधार पर वोटिंग होती दिख रही है। शहर के प्रतापविहार क्षेत्र के लीलावती पब्लिक स्कूल में वोट डालने आए अमरदीप सिंह का कहना है कि हम तो काम के आधार पर वोट दे रहे हैं। साथ ही यह लड़ाई प्रधानमंत्री की है, ऐसे में यह भी देखना है कि कौन इस पद पर काबिल है। हालांकि अमरदीप यह नहीं बता रहे हैं कि वोट किस पार्टी को देंगे। उनका कहना है कि यह तो मेरा निजी मामला है। लेकिन वोट उसे ही दूंगा जिसने काम किया है। ऐसा ही हाल प्रताप विहार में स्थित सेकेंड्री स्कूल का भी है, यहां पर भी सुबह से भारी भीड़ है। मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित इस स्कूल पर भी मतदाताओं में भारी उत्साह है। मोहम्मद शकील का कहना है कि जो हमारे लिए सोचेगा, परेशान नहीं करेगा उसे ही वोट मिलेगा।

ये  है जातीय समीकरण

दरअसल, गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र में छह लाख ब्राह्मण वोट, पांच लाख मुस्लिम वोट, तीन लाख वोट वैश्य और जाटव समाज के हैं। जबकि 2.5 लाख राजपूत, ठाकुर और दो लाख जाट समुदाय के वोट हैं। पार्टियों का सारा गणित इसी आधार पर है। अभी तक की वोटिंग पैटर्न को देखा जाय तो शहरी इलाके में वोट प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के नाम पर पड़ रहा है। इंदिरापुरम के ज्ञानखंड क्षेत्र में वोट डालने आए नीरज पांडे और प्रतिमा पांडे का कहना है कि पर्ची के लिए सारी भीड़ भाजपा के बूथ पर दिख रही है। हमने सोचा कांग्रेस वाले बूथ से पर्ची बनवा लेते हैं, समय कम लगेगा, लेकिन साथियों ने भाजपा बूथ से बनवाने को कहा। प्रतिमा का भी कहना है कि काम और मोदी के नाम पर हम वोट दे रहे हैं। विजयनगर स्थित राजकीय इंटरकालेज पर वोट डालने आई सरिता का कहना है कि मजबूत राष्ट्र के लिए मजबूत सरकार जरूरी है। उसी नाम पर वोट दे रही हूं। इसी तरह क्रॉसिंग ‌‌रिपब्लिक स्थित इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल के आमोल टंडन का कहना है कि गुड़गांव और दिल्ली में काम करने वालों को दिक्कत आ रही है। क्योंकि ऑफिस जाना है। इसलिए सुबह ही वोट डालने आया हूं। हमारे लिए सबसे अच्छा काम यह हुआ है कि एनएच-24 चौड़ा हो रहा है, अब हमें जाम से निजात मिल जाएगी।

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ग्रामीण इलाकों में दूसरी फिजा

शहरी इलाकों से थोड़ा दूर अगर आप छोटे कस्बों वाले क्षेत्र में जाएंगे तो आपको महागठबंधन की फिजा भी दिखेगी। घंटाघर के पास गौशाला क्षेत्र में रहने वाली अंजू का कहना है कि हमारा वोट तो मायावती को ही मिलेगा। इसी तरह शहर के 64 गांव जहां पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है, वहां पर महागठबंधन के तरफ रुझान दिख रहा है। वहीं ठाकुरबहुल इलाके वाले 24 गांव में भाजपा को वोटिंग ज्यादा है। इसी तरह लोनी क्षेत्र के मंडोला इलाके में त्यागी समाज का दबदबा है। वहां पर भी भाजपा का वोट बंटता हुआ दिख रहा है।

डॉली शर्मा बड़ा फैक्टर

अभी तक की हुई वोटिंग से साफ है कि मतदान अंकगणित के आधार पर हो रहा है। ऐसे में जनरल वी.के.सिंह की राह कांग्रेस प्रत्याशी डाली शर्मा पर बहुत कुछ निर्भर करेगी। देखना यह है कि डाली महागठबंधन को मतदाताओं में सेंध लगाती है या फिर भाजाप के पारंपरिक मतदाताओं में सेंध लगाती हैं।

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TAGS: 50 percent voting, ghaziabad, outcomes with respect, BJP, Mahagathbandhan, Lok sabha elections
OUTLOOK 11 April, 2019
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