जिन्हें देवी-देवताओं के नाम पर चिढ़ थी भोले बाबा की नगरी में गली-गली घूम रहे: केशव मौर्य
वाराणसी। ऐसे लोग जिन्हें देवी-देवताओं के नाम पर चिढ़ होती थी वह पिछले कई दिन से भोले बाबा की नगरी में गली-गली घूमे और घूम रहे हैं तो वहाँ हर-हर महादेव, हर-हर गंगे, बम-बम भोले व जय श्रीराम का नारा तो लगेगा ही। देवाधिदेव महादेव के भक्त किसी से पूछकर नारा थोड़े ही लगाएंगे। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पश्चिम बंगाल से समाजवादी पार्टी के प्रचार करने आईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के आने से एक भी वोट का फायदा नहीं होगा। इनकी मानसिकता यदि होती तो यह मां भगवती की भक्त होतीं, यदि भक्त तो उनमें भक्ति दिखती। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री रहते इन्होंने दुर्गा माता के विसर्जन पर रोक लगाकर मोहर्रम का जुलूस निकलवाया था। वहां भाजपा का दबाव था तो बाद में दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन और मोहर्रम वहां साथ-साथ निकालना पड़ा था। इनकी मानसिकता केवल मुस्लिम वोटों को हासिल करने के लिए भारतीय संस्कृति की सभी मर्यादाओं के विरुद्ध है। यह तो काफी है कि यहां किसी गली में जय श्रीराम किसी गली में राधे-राधे और किसी गली में जय माता दी गुंजायमान होता रहता है।
चुनावी सभाओं के बीच आउटलुक से बातचीत में केशव मौर्य ने मुख्य विपक्षी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार में कभी बिजली नहीं आती थी और अब भाजपा सरकार में बिजली जाती नहीं। पहले ट्रांसफर जलने पर महीनों इंतजार करना पड़ता था अब तीन दिन की मियाद है ऐसे में किसानों के चेहरे खिल जाते हें। इस बार विपक्ष बिजली मुद्दा बिजली का मुद्दा, सड़क और सड़क का मुद्दा नहीं बना रहा है। वह जैसे ही यह मुद्दा बनाएंगे जनता उन्हें वापस दौड़ा लेगी क्योंकि उनके समय की सड़कें लोगों ने देखा है। उनके समय में बिजली और कानून-व्यवस्था लोगों के देखा है। यही कारण है कि इन मुद्दों जनता के बीच ले जाने से विपक्ष डर रहा है। भर्तियों में भ्रष्टाचार उनके शासनकाल में चरम पर था, हमारे शासन में तो उन घटनाओं पर लगाम लगाकर प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। इस शासनकाल में नौकरियां बगैर पैसे के दी गई, जबकि अभी तक सपा-बसपा की सरकारें होती थीं तो उसमें बगैर रूपये के नौकरी मिलती नहीं थी, सही कहें तो पद बिकते थे। यदि कहीं किसी पद की भर्ती निकल जाती तो वहां मात्र दो वर्ग को नौकरी मिलती या तो वह उनके परिवार से सम्बंधित होता या फि अधिक पैसे देता। ऐसे कार्यों पर इस सरकार में लगाम लगी है। भर्तियों में घोटाले हुए जो तथ्यात्मक थी, यही कारण है कि आज विभिन्न एजेंसियां जाँच कर रही हैं।
केशव मौर्य ने बताया कि इस शासनकाल में निवेश काफी हुए हैं, क्योंकि निवेशकों को मौका मिल रहा है। जब निर्माण नहीं होगा, इंफ्रा नहीं बनेगा तो निवेश कैसे आएगा उसकेलिए वन विंडो की व्यवस्था की गई। प्रदेश में बेरोजगारी मुद्दे पर उन्होंने कहा, आपको एक उदाहरण देता हूँ कि जो आवास विहीन लोग थे, कच्चे घरों व छप्परों में रहते थे ऐसे लोगों को आवास बनाकर दिया गया है तो दिल्ली से वह सारे आवास उठाकर यहां लाएग गए थे। उन आवासों के निर्माण में बालू, ईंट, गिट्टी, सरिया, मोरंग, रंगाई-पुताई, मजदूरी और अन्य व्यवस्थाएं लगीं। आखिर यह सब लोकल स्तर पर छोटे-छोटे व्यापारियों से लिया गया हां, उसमें लूट नहीं होने दिया गया। आप निचिंत रहिए 10 मार्च को 300से अधिक सीटें जीतकर फिर सरकार बनाएंगे।
नरेन्द्र मोदी को पूर्वांचल में सबसे अधिक सभाएं करनी पड़ी हैं इस पर केशव मौर्य ने कहा कि मोदी की हर क्षेत्र में रैलियां हो रही हैं। वह हमारे ऐसे नेता है जो बादशाह की तरह नहीं जैसे कांग्रेस वाले, सपा और बसपा वाले अपने आप को समझते हैं। छोटे-छोटे कार्यक्रम को बड़ा मानकर प्रधानमंत्री वहां समय देते हैं और उनके वहां चले जाने का मतलब यह असर होता है कि लाखों मतों का भाजपा की ओर झुकाव होना और फिर वे ऐसे नेता हैं जो जमीनी कार्यकर्ता की तरह कार्य कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने यूपी में अपराध बढ़ने के मामले में कहा कि उत्तर प्रदेश 24 करोड़ की आबादी वाला राज्य है यदि कोई अपराध हुआ है तो दर्ज न करके अन्य सरकारों की तरह राष्ट्रीय स्तर पर यह दिखाने की कोशिश नहीं की गई कि यहां अपराध नहीं हुआ है इसलिए नंबर घटा गया। हमारी सरकार में जो अपराध हुआ वह दर्ज हुए। जिन राज्यों से हमारे राज्य की तुलना की जा रही है उनकी आबादी भी देखी जाए। सपा-बसपा के शासनकाल में बड़े-बड़े अपराध हो जाते थे उनके मामलों को दर्ज ही नहीं किया जाता था जिससे आँकड़े कम आते थे। सरकार वापसी पर उन्होंने कहा कि यहां एक ट्रेंड है उस आधार पर हम नहीं आ रहे हैं लेकिन लोगों की गलतफहमी है हम फिर आ रहे हैं।
पांच साल सरकार में मुखिया के रूप में आपसी तनातनी रहने के मामले पर केशव मौर्य ने कहा कि हम लोगों की आपस में किसी की नहीं बनती यह मीडिया का मेटेरियाल है। इन सब बातों से एक सेकेंड के लिए मीडिया को स्वाद मिल जाता होगा, हम लोग पांच साल लगातार मिलकर सरकार चलाए हैं और चला रहे हैं, आगे भी चलाएंगे। यह बातें बहुत काल्पनिक हैं। इसका मतलब कुछ लोग अपने अनुसार ऐसी बातें मीडिया में उठाते होंगे। देखिए हम लोग संगठन के लोग हैं। जहां पर सरकार है वहां संगठन और सरकार दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। जहां केवल संगठन है वहां संगठन सशक्त होकर काम कर रहा है। मोदी जी गुजरात में मुख्यमंत्री रहे तो वहां विकास के मुद्दे पर चुनाव हुआ और अब मोदी जी राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कर रहे हैं यहां मुख्यमंत्री के रूप में योगी जी नेतृत्व कर रहे हैं उसका असर यह है कि पूरे प्रदेश में विकास के मुद्दे पर ही चुनाव हो रहा है और हर कोई उसी विकास को लेकर ही समीक्षा कर रहा है इसी विकास के मुद्दे पर हम वोट मांग रहे हैं।