त्रिपुरा में भाजपा ने फहराया जीत का परचम, 'लाल दुर्ग' ढहा
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018 की मतगणना चल रही है। 60 सीटों में 47 सीटोंं के नतीजे सामने आ चुके हैं, जबकि 12 सीटों पर मतगणना जारी है।
यहां भाजपा ने 'लाल' दुर्ग ढहा दिया है। पिछले 25 सालों से सत्ता पर काबिज सीपीआई (एम) को करारी शिकस्त मिली है। पिछले चुनावों में एक भी सीट न पाने वाली भाजपा इस बार बहुमत से सरकार बनाने जा रही है।
रुझानों में जहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 11 जीती हैं और 7 पर वह आगे चल रही है। वहीं बीजेपी ने 29 सीटें जीत ली हैं और 6 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं तीसरी पार्टी आईपीएफटी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है और 1 सीट पर आगे चल रही है। भाजपा का इस पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन हुआ है। इसलिए दोनों की सीटें जोड़ी जाएं तो भाजपा गठबंधन 43 सीटों पर आगे है।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव परिणाम - 2018 |
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60 विधानसभा सीटों में 59 का स्टेटस
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पार्टी | जीते | आगे | कुल |
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भाजपा | 29 | 6 | 35 |
सीपीआई | 0 | 0 | 0 |
माकपा | 11 | 7 | 16 |
आईपीएफटी | 7 | 1 | 8 |
कुल योग | 47 | 12 | 59 |
त्रिपुरा में 1978 के बाद से लेफ्ट पार्टी सिर्फ एक बार 1988-93 के दौरान सत्ता से दूर रही थी. बाकी सभी विधानसभा चुनावों में लेफ्ट का कब्जा रहा है। पिछले पांच चुनावों में लेफ्ट ही वहां पर जीत दर्ज करती आई है।हाल ही में त्रिपुरा में 59 सीटों पर वोटिंग हुई थी, जहां 48.1 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। इस बार पिछले 25 साल से सत्ता पर विराजमान लेफ्ट की सरकार के सामने इस बार अपना किला बचाने की चुनौती है।
राज्य में कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है, वहीं बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा है। नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट के क्षेत्रों पर फोकस किया है। इसके अलावा आरएसएस लगातार पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में सक्रिय है।
त्रिपुरा के 2013 विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 60 सीटों में से वाममोर्चा ने 50 सीटें जीती थी, जिनमें से CPM को 49 और CPI को 1 सीट जबकि कांग्रेस को 10 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था, लेकिन तीन साल के बाद 2016 में कांग्रेस के 6 विधायकों ने ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ज्वाइन कर ली थी। कुछ ही समय बाद छह विधायकों ने टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।
सी-वोटर के एग्जिट पोल में कहा गया है कि त्रिपुरा में कांटे की टक्कर है। माकपा को 44.3 प्रतिशत मतों के साथ 26 से 34 सीट मिलने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि भाजपा को 42.8 प्रतिशत मतों के साथ 24 से 32 सीट मिल सकती हैं। कांग्रेस को 7.2 प्रतिशत मतों के साथ लगभग दो सीट मिलने की संभावना जताई गई है।