इस नतीजे की उम्मीद नहीं थी, हम जल्द समीक्षा करेंगे: योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर, फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के परिणाम आ गए हैं। फूलपुर सीट पर सपा के नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल 59,613 वोटों से जीत गए हैं। वहीं, गोरखपुर में सपा के प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र शुक्ला को 21,881 वोटों से हरा दिया है। नतीजों में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है क्योंकि उसके दो गढ़ हाथ से निकल गए हैं।
फूलपुर सीट पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के पास थी, वहीं गोरखपुर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ रहा है।
नतीजों पर दोनों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हम जनादेश को स्वीकार करते हैं। यह नतीजा अपेक्षित नहीं था। हम इसकी जल्द समीक्षा करेंगे। मैं विजयी प्रत्याशियों को बधाई देता हूं।‘
We accept the verdict of the people, this result is unexpected, we will review the shortcomings. I congratulate the winning candidates: UP CM Yogi Adityanath #UPByPoll pic.twitter.com/L3hCZmJs6O
— ANI UP (@ANINewsUP) March 14, 2018
उन्होंने कहा, ये बसपा-सपा की जो राजनैतिक सौदेबाजी, देश के विकास को बाधित करने के लिए बनी है, इसके बारे में हम अपनी रणनीति तैयार करेंगे।
Yeh BSP-SP ka jo rajnitik saudebaazi, desh ke vikas ko baadhit karne ke liye bani hai, iske baare mein hum apni rann neeti tayaar karenge: CM Yogi Adityanath #UPByPoll pic.twitter.com/Yyz0TXVSrP
— ANI UP (@ANINewsUP) March 14, 2018
वहीं, अपने इस्तीफे से खाली हुई फूलपुर लोकसभा सीट पर जीत दिलाने में नाकाम रहे यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'हमें उम्मीद नहीं थी कि बसपा का वोट सपा को इस तरह ट्रांसफर हो जाएगा।'
केशव प्रसाद ने कहा, 'नतीजों के बाद हम विश्लेषण करेंगे और भविष्य में ऐसी परिस्थितियों के लिए भी तैयारी करेंगे जब सपा-बसपा और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ सकते हैं। 2019 की जीत के लिए हम इसी तरह की रणनीति बनाएंगे।‘ इससे पहले शुरुआती रुझानों में भाजपा के पिछड़ने पर केशव प्रसाद मौर्य ने कम मतदान को इसके लिए जिम्मेदार करार देते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि भाजपा की मानसिकता वाला वोटर घर से बाहर नहीं निकला।
बता दें कि भाजपा ने फूलपुर में कौशलेंद्र पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया था। वहीं, गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के करीबी उपेंद्र शुक्ला को सत्ताधारी दल ने मौका दिया था। वाराणसी के मेयर रहे कौशलेंद्र पटेल को भी सीएम योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता रहा है। फूलपुर में कुर्मी मतदाताओं की अच्छी संख्या को देखते हुए भाजपा ने पटेल को उम्मीदवार बनाया था, जबकि सपा-भाजपा ने भी इसी समुदाय के नागेंद्र पटेल को मौका दिया।