कर्नाटक की 224 सीटों पर मतदान संपन्न, शाम 5 बजे तक डाले गए 65.69% वोट, 13 मई को आएंगे नतीजे
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदान की प्रक्रिया अब संपन्न हो चुकी है। बुधवार सुबह प्रशासन और चुनाव आयोग की निगरानी में करीब सात बजे शुरू हुआ मतदान शाम छह बजे संपन्न हुआ। एएनआई के अनुसार राज्य में शाम पांच बजे तक कुल 65.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने अमूल्य मत का इस्तेमाल किया और पार्टी व समस्त प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला किया। बता दें कि चुनाव के परिणाम 13 मई को मतगणना के उपरांत सामने आएंगे।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट पिछले काफी हफ्तों या महीनों से देखने को मिल रही थी। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। राजनीतिक दलों के बड़े बड़े नेताओं के साथ अन्य राज्यों से प्रचार को आए नेताओं ने कर्नाटक में जीतोड़ मेहनत की।
बुधवार को हुए मतदान की बात करें तो दोपहर बाद मतदान में तेजी आई और अपराह्न तीन बजे तक मतदान प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक हो गया था। विदित हो कि कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के लिए मतदान पूरा हो गया है। बेंगलुरू के कुछ मतदान केंद्रों पर शुरुआती घंटों में तेज मतदान देखा गया जहां बुजुर्ग मतदाता भी बड़ी संख्या में नजर आए। रामनगर में सबसे अधिक 78.22 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है जबकि बृहद बेंगलुरू महानगर पालिका क्षेत्र (बेंगलुरू शहर के हिस्सा) में सबसे कम 48.63 प्रतिशत दर्ज किया गया।
पिछले विधानसभा चुनाव यानी साल 2018 पर नजर डालें तो कर्नाटक में तब 72.36 प्रतिशत मतदान हुआ था। बहरहाल, बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के लोगों से राज्य विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में मतदान करने और लोकतंत्र के उत्सव को समृद्ध करने का आह्वान किया। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्नाटक के लोगों से अपील की, "लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करें।"
बता दें कि राज्य भर के 58,545 मतदान केंद्रों पर कुल 5.31 करोड़ मतदाता दर्ज किए गए जबकि 2,615 उम्मीदवार मैदान में हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि पार्टी को "आराम से जीत" मिलने जा रही है। उल्लेखनीय है कि मतदान के दौरान और मतदान के बाद सभी दलों के नेता अपनी जीत के लिए आश्वस्त हैं मगर यह तो 13 तारीख को ही तय होगा कि जनता किसके सिर पर ताज सजाती है।