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14 May 2024

जनादेश ’24 आवरण कथा/पश्चिम बंगाल: दीदी के चुनाव प्रबंधन की परीक्षा

सबसे तीखी जंग शायद बंगाल में ही है। इसका अंदाजा इससे भी लग जाता है कि संदेशखाली में महिलाओं के कथित बलात्कार को भाजपा ने मुद्दा बनाया और वहां की एक महिला को उस इलाके की संसदीय सीट बसीरहाट से उम्मीदवार बनाया। अब तृणमूल उस इलाके के एक भाजपा कार्यकर्ता का एक स्टींग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया, जिसमें वह कहता दिखता है कि भाजपा के नेता शुभेंदु अधिकारी के कहने पर उसे उछाला। दनादन भाजपा भी वीडियो ले आई कि उसके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। 

 असल में भाजपा के चार सौ पार या 370 सीटों के लक्ष्य के लिए बंगाल कितना महत्वपूर्ण यह इससे भी स्पष्ट है कि पांच साल से लटके सीएए कानून को अब अमल में लाया गया है। हालांकि जिस मतुआ समाज को लुभाने के लिए यह लाया गया, उसमें उसके प्रति कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रही है।

दरअसल भाजपा को ज्यादा समर्थन उत्तर बंगाल के अनुसूचित जाति राजबंशी और मतुआ समाज में बताई जाती है। मतुआ समाज खुद को नमोशुद्र कहता है। पहले-दूसरे चरण की वोटिंग में उत्तर बंगाल में मत प्रतिशत बढ़ने का यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि टीएमसी विरोधी वोटों में इस दौरान इजाफा हुआ है। अगर ये वोट एकमुश्त भाजपा की ओर गए होंगे या आगे जाते हैं, चिंताएं तृणमूल को होनी चाहिए।

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हालांकि इसका अंदाजा शायद तृणमूल नेतृत्व और ममता बनर्जी को था, इसी वजह से बताया जाता है कि उन्होंने कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों से सीटों का तालमेल नहीं किया। शायद गणित यह है कि टीएमसी विरोधी वोट बंट जाए। लेकिन हमेशा ये रणनीतियां कारगर नहीं हो पाती हैं। हाल के बंगाल सहित कई राज्यों में रुझान सिर्फ दोतरफा ही देखा गया है। यानी लोग जिताने या हराने के लिए ही वोट करते हैं।

अब सवाल यह है कि 2022 के विधानसभा चुनावों में गिरा भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल इन चुनावों में किस कदर ऊंचा उठता है। ममता इन चुनावों में भी बंगाली अस्मिता का मुद्दा उठाने की कोशिश कर रही हैं। उनके ज्यादातर भाषण भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ होते हैं, कांग्रेस या वामपंथी दलों का जिक्र न के बराबर होता है। वे यह भी कहती हैं कि हम इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं।

दरअसल बाकी क्षत्रपों से ज्यादा ममता के लिए चुनौती यह भी है कि अगले विधानसभा चुनावों में सिर्फ भाजपा या कांग्रेस-वाम दलों पर फोकस न रहे। वे हर हाल में चाहती हैं कि उनकी पार्टी के खिलाफ वोट बंटता रहे। तभी वे अपना सियासी वजूद कायम रख पाएंगी।

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TAGS: Lok Sabha Election, BJP, West Bengal, Trinamool Congress, Strength
OUTLOOK 14 May, 2024
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