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16 July 2022

यशवंत सिन्हा‍ ने द्रौपदी मुर्मू को लेकर उठाये सवाल, कहा- झारखंड में हो सकता है खेला, खतरे में प्रजातंत्र

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रांची। राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर झारखंड में बदले राजनीतिक परिदृश्‍य के बीच रांची पहुंचे राष्‍ट्रपति पद के विप के संयुक्‍त उम्‍मीदवार यशवंत सिन्‍हा ने भाजपा पर तीर चलाये तो द्रौपदी मुर्मू की उम्‍मीदवारी को लेकर भी सवाल किये। पत्रकारों से मुखातिब होने के बाद सिन्‍हा, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर आदि के साथ सीएम आवास जाकर मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन से भी मिले। बता दें हेमन्‍त और उनके करीबी लोगों की विभिन्‍न मुकदमों, ईडी आदि के माध्‍यम से घेराबंदी के बीच कांग्रेस के सहयोग से यहां सरकार चलाने वाला झामुमो संयुक्‍त विपक्ष के बदले एनडीए उम्‍मीदवार द्रौपदी मुर्मू को राष्‍ट्रपति चुनाव में समर्थन का एलान कर चुका है।

यशवंत सिन्‍हा ने  पत्रकारों से कहा कि देश के 15 वें राष्‍ट्रपति का चुनाव बेहद मुश्किल समय में हो रहा है। सत्‍ताधारी दल को सत्‍ता पर कब्‍जा करने एवं अपनी ताकत बढ़ाने के लिए संविधान के मूल्‍यों, आदर्शों और अवरोधों का उल्‍लंघन करने में कोई शर्म या संकोच नहीं हो रहा है। विपक्षी दलों में दल-बदल कराने या उनकी सरकारों को गिराने के लिए ईडी, सीबीआई, आयकर जैसी एजेंसियां यहां तक कि राज्‍यपाल कार्यालय का भी बेशर्मी से दुरुपयोग किया जा रहा है। मध्‍य प्रदेश कर्नाटक, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और हाल में महाराष्‍ट्र में हुआ। इसके लिए बेहिसाब धन का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। निकट भविष्‍य में झारखंड में झामुमो-कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने के लिए इसी तरह की गंदी रणनीति अपनाई जाये तो मुझे आश्‍चर्य नहीं होगा। असंसदीय शब्‍दों के नामपर कतिपय शब्‍दों को हटाने के हालिया फैसले को उन्‍होंने लोकतंत्र पर ताजा अटैक करार दिया। कहा बहुधार्मिक समाज का जिस तरह ध्रुविकरण किया जा रहा है इसका परिणाम राष्‍ट्रीय एकता के लिए अत्‍यंत खतरनाक हो सकता है।

यशवंत सिन्‍हा ने कहा कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान मैंने आठ से अधिक प्रेस कांफ्रेंस कर देश के सामने विभिन्‍न मुद्दों को रखा मगर प्रतिद्वंद्वी उम्‍मीदवार ने पूरे प्रचार अभियान के दौरान चुप्‍पी साध रखी है। आदिवासी समुदायों से संबंधित मुद्दों पर भी अपनी चुप्‍पी नहीं तोड़ी। कहा कि मैं द्रौपदी मुर्मू जी का व्‍यक्तिगत तौर पर बहुत इज्‍जत करता हूं। लेकिन जो लोग वोट देने जा रहे हैं उनसे और देश के लोगों से मेरे कुछ सवाल हैं। क्‍या भारत में एक मौन राष्‍ट्रपति होना चाहिए? क्‍या भारत में रबर स्‍टांप राष्‍ट्रपति होना चाहिए? भारत के अलग राष्‍ट्रपति को प्रधानमंत्री की रक्षा करनी चाहिए या संविधान की रक्षा करनी चाहिए? उन्‍होंने वोटरों से अपील की कि राष्‍ट्रपति चुनाव में वि्हप नहीं होता, गुप्‍त मतदान होता है। अपनी अंतरआत्‍मा की आवाज सुनें और दलीय भावना से ऊपर उठकर मुझे वोट करें।

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झारखंड के हजारीबाग से आने वाले पूर्व केंद्रीय वित्‍त मंत्री यशवंत सिन्‍हा चुनाव प्रचार के अंतिम दिन रांची में थे। शुक्रवार की रात ही पत्‍नी के साथ रांची पहुंचे थे। कहा कि मेरी जन्‍मभूमि अविभाजित बिहार और कर्म भूमि झारखंड रही है। यहां के लोगों का कर्जदार हूं कि तीन बार यहां से लोकसभा का सदस्‍य चुनकर अपना विश्‍वास दिया। इसके पूर्व केरल, तमिलनाडु, छत्‍तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, जम्‍मू कश्‍मीर, राजस्‍थान, हरियाणा, पंजाब असम, मध्‍य प्रदेश और बिहार का द्रौरा कर लोगों से समर्थन मांग चुके हैं। हालांकि झारखंड के कतिपय कांग्रेसी आदिवासी विधायक यहां तक कि खुद उनके पुत्र और भाजपा सांसद जयंत सिन्‍हा उन्‍हें वोट करेंगे इसमें संशय है। लगातार कांग्रेस की उपेक्षा, प्रधानमंत्री के देवघर दौरा के दौरान हेमन्‍त के बदले स्‍वर, भाजपा के प्रति लचीला रुख और अब राष्‍ट्रपति पद के लिए भाजपा प्रत्‍याशी द्रौपदी मुर्मू को झामुमो के समर्थन के कारण कांग्रेस के अंदरखाने में तेज बेचैनी है। कांग्रेस के बड़े नेता यह कहकर कन्‍नी काट ले रहे हैं कि हमारा तालमेल तो प्रदेश को लेकर है। गठबंधन की सरकार में सब ठीकठाक है।

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OUTLOOK 16 July, 2022
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