'आप' की जीत में ओबामा फैक्टर
मेरा सपना है अमेरिका में पढ़ने का। मैं तो बड़ा गर्व महसूस कर रहा था, जब अमेरिका के राष्ट्रपति यहां आएं। पर जब उन्होंने जाते-जाते हमें सीख दी प्यार से रहने की तो शर्म आई। फिर जब अभी उन्होंने अमेरिका में यह कहा कि भारत में जिस तरह से धार्मिक असहिषुणता बढ़ रही है, उसे देखकर गांधी जी को सदमा लगता, तो मेरा तो सिर ही झुक गया। उनकी बात में दम है। पिछले दिनों में चर्चों पर कितने हमले हुए। मस्जिद पर तो होते ही है। ये आगे बढ़ने का लक्षण नहीं है। ये बदलना ही होगा, इसीलिए आप को वोट दिया-यह कहना था दिल्ली में प्रबांधन के छात्र सुरेश जोशी का।
ऐसे युवाओं की संख्या अच्छी खासी है। इनमें से बहुत से लोग लोकसभा चुनावों तक नरेंद्र मोदी के समर्थक थे, लेकिन इस बार उन्होंने अपना वोट आप को दिया। वजह यह कि उनके लिए अमेरिका एक ड्रीम लैंड है। बैंक में नौकरी कर रही श्वेता की भी यही टिप्पणी थी, ये तो वैसी ही बात हुई कि हम घर पर किसी मेहमान को बुलाएं और घर की सारी गंदगी उसके सामने उड़ेल के रख दें। ये हमारी संस्कृति नहीं रही है। हम तो अतिथि देवो भव में विश्वास रखते हैं। सच है गांधी जी दुखी होते ही।
ये युवा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा भारत में बढ़ रही धार्मिक असहिषुणता के बारे में दिए गए बयान से परेशान हैं क्योंकि उनके लिए रोल मॉडल अमेरिका है. उन्हें लगता है कि भारत की छवि अगर अमेरिका में खराब होगी तो यह उनके भविष्य पर सीधे-सीधे असर डालेगी। ऐसे युवाओं ने बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी को वोट दिया है। उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर थोड़ा नियंत्रण जरूरी है, ताकि इस तरह की वारदातें कम हों। ये युवा कितने समय तक आप के साथ रहेंगे यह तो कोई नहीं बता सकता लेकिन दिल्ली में भाजपा के तीन सीटों तक सिमटने में ऐसे युवाओं का बड़ा हाथ है।