रामगोपाल का सपा से निष्कासन रद्द, रास में नेता बने रहेंगे
उन्होंने कहा प्रोफेसर रामगोपाल यादव राज्यसभा में समाजवादी पार्टी संसदीय दल के नेता, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, प्रवक्ता तथा पार्टी केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य करते रहेंगे। इस बीच, रामगोपाल ने निष्कासन रद्द होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि नेताजी :मुलायम: अपने मन से कभी मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते थे, इसीलिये मेरा निष्कासन रद्द किया गया है।
उन्होंने कहा मैं तकनीकी रूप से निकाला गया था लेकिन मैं पार्टी से कभी बाहर नहीं गया था। मैं सपा का जन्मजात सदस्य हूं। पार्टी में मेरी वापसी हुई है। यह नेताजी की कृपा है। वह कभी मेरे खिलाफ नहीं थे। हम पार्टी के निर्देश के हिसाब से ही काम करेंगे। मैंने पहले भी कभी निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया।
मालूम हो कि सपा के चाणक्य कहे जाने वाले रामगोपाल को भाजपा के साथ साठगांठ करने और अनुशासनहीनता के आरोप में पिछली 24 अक्तूबर को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया था। उनके निष्कासन का पत्र सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने जारी किया था। शिवपाल ने उन पर यादव सिंह भ्रष्टाचार प्रकरण में अपने सांसद पुत्र अक्षय यादव और बहू को बचाने के लिये भाजपा की शह पर बिहार में सपा के नेतृत्व में बने जनता परिवार और महागठबंधन को तोड़ने में मुख्य भूमिका निभाने का आरोप भी लगाया था।
बहरहाल, बुधवार को रामगोपाल ने राज्यसभा में सपा के नेता के तौर पर अपना पक्ष रखा था तभी से अटकलें लगाई जा रही थी कि रामगोपाल के लिए पाार्टी में वापसी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।
रामगोपाल हाल में समाजवादी परिवार में हाल में हुई वर्चस्व की जंग में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दिए थे। उनके निष्कासन को मुख्यमंत्री के विपक्षी खेमे यानी शिवपाल सिंह यादव गुट की बड़ी जीत माना गया था। रामगोपाल के निष्कासन के बाद शिवपाल ने कई बार सार्वजनिक मंचों से उनकी कड़ी आलोचना भी की थी। हालांकि अब रामगोपाल की सपा में वापसी शिवपाल के लिये असहज करने वाला हो सकता है। शिवपाल ने राज्यसभा में रामगोपाल द्वारा पार्टी का पक्ष रखे जाने के मद्देनजर उनकी सपा में वापसी की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि वह इस बारे में सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि सपा मुखिया मुलायम ही इस विषय में कोई निर्णय लेंगे। भाषा एजेंसी