लोकसभा में पारित हुआ महिला आरक्षण बिल, जानें पक्ष और विरोध में कितने वोट पड़े?
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा ने पारित कर दिया। मतदान पर्चियों के जरिए किया गया। बिल के पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। इसके बाद इस बिल को पारित करने के लिए ऊपरी सदन यानी राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
इस बिल के पारित होने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित रहे।
बता दें कि अब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक कल राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
Lok Sabha passes Women's Reservation Bill granting 33% seats to women in Lok Sabha and state legislative assemblies
Advertisement454 MPs vote in favour of the bill, 2 MPs vote against it pic.twitter.com/NTJz449MRX
— ANI (@ANI) September 20, 2023
केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई बीजेपी सांसदों ने पक्ष रखा। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी सहित अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पर समर्थन करते हुए सरकार से कई सवाल किए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और परिसीमन की कार्रवाई पूरी की जाएगी। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित कानून बहुत जल्द आकार लेगा।
देश में जनगणना होने और परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण से जुड़ा कानून लागू होने की स्थिति में इसे मूर्त रूप लेने में कई साल लग जाने संबंधी विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं पर अमित शाह ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसके प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं। इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं।
महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि परिसीमन को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है। परिसीमन के सेक्शन 8 और 9 में ये कहा गया है कि संख्या देकर ही निर्धारण होता है। इन तकनीकी चीजों में हम जाएंगे तो आप चाहते हैं कि ये बिल फंस जाए, लेकिन हम इस बिल को फंसने नहीं देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि महिला आरक्षण का विषय हॉरिजोन्टल भी है और वर्टिकल भी है। अब तुरंत तो परिसीमन, जनगणना नहीं हो सकती, आप कह रहे हैं कि तुरंत दे दीजिए।