Advertisement
06 November 2024

एकाधिकारवादियों की एक नयी पीढ़ी ने ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ की जगह ले ली है: राहुल गांधी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ भले ही बहुत पहले खत्म हो गई हो, लेकिन उसने जो डर पैदा किया था, वह आज फिर से दिखाई देने लगा है और एकाधिकारवादियों की एक नयी पीढ़ी ने उसकी जगह ले ली है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रगतिशील भारतीय व्यापार के लिए ‘‘न्यू डील’’ एक ऐसी सोच है, जिसका समय आ गया है।

वर्ष 1933 से 1938 के बीच आर्थिक महामंदी से उबरने के लिए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने ‘‘न्यू डील’’ नामक कार्य-योजना की घोषणा की थी जिसके अंतर्गत कई सामाजिक उदारवादी नीतियों को अमल में लाया गया।

राहुल गांधी ने हिंदी समाचार पत्र ‘‘दैनिक जागरण’’ में लिखे एक लेख में कहा, ‘‘ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की आवाज कुचल दी थी। यह आवाज उसने अपनी व्यापारिक शक्ति से नहीं, बल्कि अपने शिकंजे से कुचली थी।’’

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी आजादी किसी दूसरे देश के हाथों नहीं गंवाई, हमने इसे एक एकाधिकारवादी निगम के हाथों खो दिया था, जो हमारे देश में दमन तंत्र को चलाता था। कंपनी ने प्रतिस्पर्धा खत्म कर दी थी। वही यह तय करने लगी थी कि कौन क्या और किसे बेच सकता है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मुझे बस इतना पता है कि कंपनी ने एक क्षेत्र में अफीम की खेती पर एकाधिकार हासिल कर लिया था और दूसरे क्षेत्र में नशा करने वालों का एक बाजार विकसित कर लिया था। जब कंपनी भारत को लूट रही थी, तब उसे ब्रिटेन में एक आदर्श कॉरपोरेट निकाय के रूप में दर्शाया जा रहा था।’’ उन्होंने दावा किया कि ईस्ट इंडिया कंपनी भले ही सैकड़ों साल पहले खत्म हो गई हो, लेकिन उसने जो डर पैदा किया था, वह आज फिर से दिखाई देने लगा है।

राहुल गांधी के अनुसार, ‘‘एकाधिकारवादियों की एक नयी पीढ़ी ने इसकी जगह ले ली है। परिणामस्वरूप जहां भारत में हर किसी के लिए असमानता और अन्याय बढ़ता जा रहा है, वहीं यह वर्ग अकूत धन एकत्रित करने में लगा है। हमारी संस्थाएं अब हमारे लोगों की नहीं रहीं। वे एकाधिकारवादियों के आदेश मानती हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि आज लाखों व्यवसाय तबाह हो गए हैं और भारत युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में असमर्थ है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘भारत माता अपने सभी बच्चों की मां है। उसके संसाधनों और शक्ति पर कुछ चुनिंदा लोगों के एकाधिकार और बहुजनों की उपेक्षा ने गहरी चोट पहुंचाई है।’’ उन्होंने कहा कि ‘मैच-फिक्सिंग’ करने वाले एकाधिकार समूहों के विपरीत छोटे व्यवसायों से लेकर दिग्गज कंपनियों तक कई अद्भुत और ईमानदार भारतीय व्यवसाय हैं, लेकिन लोग चुप हैं और एक दमनकारी व्यवस्था को सहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राजनीति हमेशा कमजोर और बेजुबान लोगों की हिफाजत की रही है। कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की रक्षा के बारे में महात्मा गांधी के शब्द ही मेरी प्रेरणा हैं।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘व्यापार की जिस पंक्ति में आप खड़े हैं, उसमें आप ही शोषित, वंचित हैं और इसलिए मेरी राजनीति का लक्ष्य अब आपको वह सब दिलाना है, जिससे आपको वंचित किया गया है यानी निष्पक्षता एवं समान अवसर दिलाना।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को दूसरों की कीमत पर केवल एक व्यवसाय का समर्थन करने की अनुमति कतई नहीं दी जा सकती।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘सरकारी एजेंसियां व्यापार पर हमला करने और डराने-धमकाने का हथियार नहीं हैं। मेरा मतलब यह नहीं कि जो डर और दबाव आप पर बनाया गया है, वह बड़े पूंजीपतियों पर ट्रांसफर किया जाए। वे बुरे लोग नहीं हैं। उन्हें भी जगह मिलनी चाहिए जैसे आपको भी मिलनी चाहिए। यह देश हम सभी के लिए है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मेरा मानना है कि प्रगतिशील भारतीय व्यापार के लिए न्यू डील एक ऐसी सोच है, जिसका समय आ गया है।’’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: New generation of monopolists, 'East India Company', Rahul Gandhi
OUTLOOK 06 November, 2024
Advertisement