दिल्ली एलजी के नोटिस को फाड़ 'आप' सांसद संजय सिंह ने फिर लगाए आरोप, भ्रष्ट और चोर कहा
राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और राज्यपाल वीके सक्सेना के बीच जंग लगातार तेज होती जा रही है। 'आप' नेताओं को एलजी की ओर से भेजे गए लीगल नोटिस को फाड़ते हुए राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उन पर फिर करोड़ों-अरबों की हेराफेरी का आरोप लगाया है। संजय सिंह ने कहा कि खादी ग्रामोद्य का प्रमुख रहते हुए मजदूरों, कर्मचारियों को वेतन भुगतान में धांधली की गई। आप नेता ने दिल्ली के उपराज्यपाल को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने और इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने की मांग की।
बता दें कि इसी तरह का आरोप लगाने पर सक्सेना ने आप के पांच नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा है। आज एक प्रेस कांफ्रेंस में एलजी द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस को फाड़ते हुए संजय सिंह ने कहा भारत का संविधान मुझे सच बोलने का अधिकार देता है।
संजय सिंह ने कहा कि वह उच्च सदन (राज्यसभा) के सदस्य हैं और उन्हें सच बोलने का हक है। संजय सिंह ने कहा, ''वीके सक्सेना को मैं कहना चाहता हूं कि भारत का संविधान मुझे सच बोलने का अधिकार देता है। देश के सर्वोच्च सदन का सदस्य होने के नाते मुझे सच बोलने का अधिकार है। किसी चोर, भ्रष्ट व्यक्ति के नोटिस भेजने से मैं रुकने और डरने वाला नहीं हूं। ऐसे नोटिस को मैं 10 बार फाड़कर फेकता हूं। तुम यदि सोचते हो कि तुम भ्रष्टाचार करोगे, लूट करोगे और भ्रष्टाचार को नोटिस के नीचे दबा लोगे तो यह संभव नहीं है।''
संजय सिंह ने कुछ दस्तावजों के साथ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा, ''दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना महाभ्रष्ट, बेईमान और नंबर एक के भ्रष्ट व्यक्ति हैं। ऐसा भ्रष्टाचारी व्यक्ति जो केवीआईसी का अध्यक्ष रहते हुए 2.5 लाख कर्मचारियों का पैसा खा जाता है। अरबों-खरबों डकार जाता है। ऐसा भ्रष्ट व्यक्ति जो खादी जैसी पवित्र संस्था को अपने लूट का अड्डा बना देता है। ऐसे भ्रष्टाचारी व्यक्ति को नरेंद्र मोदी जी बताइए आपने दिल्ली का एलजी क्यों बनाया?''
संजय सिंह ने एलजी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि इसकी सीबीआई और ईडी से जांच होनी चाहिए। इस एलजी को गिरफ्तार करके जेल में डालना चाहिए। ऐसे महाभ्रष्ट एलजी को तत्काल हटाकर गिरफ्तार किया जाए। इसका भ्रष्टाचार करतो तो नोटिस भेजता है। संजय सिंह ने कहा कि 4,55,000 में से 1,93,598 कर्चमारियों का ही खाता खोला गया था। बाकी 2.5 लाख से अधिक 'घोस्ट एंप्लॉयी' थे, जिन्हें हर महीने कैश पेमेंट जाती रही। उन्होंने कहा कि यह पैसा वीके सक्सेना के पास जाता रहा।
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