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16 November 2017

चुनाव आयोग में “पप्पू” फेल, “युवराज” पास

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाना बनाने के लिए भाजपा और उसके समर्थक “पप्पू” और “युवराज” शब्द का अक्सर इस्तेमाल करते हैं। चुनाव आयोग ने बीते दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए “पप्पू” शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। लेकिन, “युवराज” शब्द के इस्तेमाल को उसने हरी झंडी दे दी है।

गुजरात भाजपा ने फेसबुक पर बुधवार को एक विज्ञापन जारी किया जिसमें “युवराज” शब्द का इस्तेमाल किया गया है। गुजराती में जारी 49 सेंकेंड के इस वीडियो में एक पंसारी की दुकान दिखाई गई है। दुकान का नौकर कहता है, “सेठ युवराज आया है” वीडियो में युवराज दिखाई नहीं देता है, लेकिन दुकानदार कहता है कि मैं तुम्हें कोई भी सामान दे सकता हूं, पर वोट नहीं। वह कहता है कि कांग्रेस शासनकाल में दंगे होते थे, उसकी दुकान जलाई गई थी। दुकानदार की पत्नी कहती है वे वोट तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही देंगे।

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भाजपा ने हालांकि कहा है कि विज्ञापन की पटकथा में शामिल शब्द का किसी व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह वही विज्ञापन है जिसमें पप्पू शब्द का इस्तेमाल किया गया था तो भाजपा प्रवक्ता हर्षद पटेल ने बताया कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि जारी किया गया विज्ञापन वही है या कोई और।

गुजरात में 9  और 14 दिसंबर को वोट डाले जाने हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने पप्पू शब्द को अपमानजनक बताते हुए भाजपा के एक विज्ञापन को प्रमाण-पत्र देने से इंकार कर दिया था। उस समय गुजरात भाजपा के एक नेता ने कहा था कि पप्पू शब्द को बदलकर पार्टी दोबारा से यह विज्ञापन चुनाव आयोग के सामने पेश करेगी। 

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TAGS: चुनाव आयोग, गुजरात, चुनाव, पप्पू, युवराज, Pappu, EC, Gujrat, Election, 'yuvraj
OUTLOOK 16 November, 2017
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