Advertisement
02 July 2021

इस्तीफे की पेशकश के बाद उत्तराखंड के सीएम रावत ने गिनाई उपलब्धियां, कल बुलाई गई बीजेपी विधायकों की बैठक

FILE PHOTO

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। उऩ्होंने इसके पीछे की वजह संवैधानिक संकट पैदा होना बताया है। देर रात रावत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य में 20 हजार नई नियुक्तियां की जाएंगी। वहीं, जब तीरथ सिंह रावत से इस्तीफे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली, कोई जवाब नहीं दिया।

तीरथ सिंह रावत ने इस साल की शुरुआत में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह ली थी। यह दूसरी बार है जब उत्तराखंड में एक साल में मुख्यमंत्री का बदलाव देखने को मिलेगा। इस बारे में उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने यह पेशकश की। इस बीच विधानमंडल की बैठक कल दोपहर 3 बजे होगी। सभी बीजेपी विधायकों को सुबह 11 बजे तक देहरादून पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यवेक्षक के तौर परकेंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर रहेंगे। माना जा रहा है कि इस बार मुख्यमंत्री किसी विधायक को ही बनाया जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीरथ सिंह रावत में कहा कि पिछले एक साल से कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। कोरोना से निजात पाने के लिए कई कदम उठाए गए। कोरोना से प्रभावित लोगों के लिए कई योजनाएं दी। सबसे प्रभावित परिवहन क्षेत्र के लिए विशेष व्यवस्था की।

Advertisement

नड्डा को लिखे पत्र में उऩ्होंने कहा है कि आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छह महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता है तो वहा पर उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं।

रावत को बुधवार को दिल्ली में अचानक बुलाए जाने से राज्य में बदलाव की अटकलें तेज हो गईं, जहां उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। उन्हें  गुरुवार को यहां लौटना था, लेकिन दिल्ली में रूक गए।

नड्डा से मुलाकात के बाद रावत ने संवाददाताओं से कहा कि उपचुनाव कराना या न कराना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है और पार्टी उसी के मुताबिक आगे बढ़ेगी।

संविधान के अनुसार, पौड़ी गढ़वाल सांसद रावत ने 10 मार्च को सीएम के रूप में शपथ ली थी। उन्हें पद पर  बने रहने के लिए 10 सितंबर से पहले राज्य विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: resign, Uttarakhand, CM, Rawat, achievements, BJP, MLA
OUTLOOK 02 July, 2021
Advertisement