अजित की अगुवाई वाली राकांपा का घोषणापत्र जारी, लाडकी बहिन योजना के तहत सहायता राशि बढ़ाने का वादा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को राज्य विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया जिसमें ‘लाड़की बहिन’ योजना के तहत मासिक सहायता राशि 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया गया है।
राकांपा ने किसानों के लिए शेतकरी सम्मान निधि योजना के तहत सहायता राशि 12,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये सालाना करने का वादा किया है।
राकांपा सत्तारूढ़ महायुति के घटक दल के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ रही है। इस गठबंधन में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी शामिल हैं।
राकांपा 20 नवंबर को होने वाले इस चुनाव के लिए 52 विधानसभा क्षेत्रों से किस्मत आजमा रही है। पार्टी ने उन सभी विधानसभा सीटों के लिए भी अलग से घोषणापत्र जारी किए जहां से उसके उम्मीदवार मैदान में हैं।
राकांपा अध्यक्ष अजित पवार ने बारामती में, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने मुंबई में और कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने गोंदिया में अलग-अलग घोषणापत्र जारी किया। राकांपा उम्मीदवारों और स्थानीय नेताओं ने भी अपने अपने क्षेत्रों के लिए चुनाव घोषणापत्र जारी किए।
पवार ने पार्टी के राज्यस्तरीय घोषणापत्र के साथ बारामती के लिए विधानसभा केंद्रित घोषणापत्र भी जारी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार गठन के 100 दिन के भीतर ‘न्यू महाराष्ट्र विजन’ पेश करेंगे।’’
घोषणापत्र में पार्टी ने मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को दी जाने वाली राशि को मौजूदा 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति माह करने का वादा किया है।
घोषणापत्र में 11 वादे किए गए हैं और वृद्धावस्था पेंशन 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति माह करने की योजना है।
पार्टी ने कृषि ऋण को माफ करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत बेची जाने वाली सभी फसलों के लिए 20 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देने की भी प्रतिबद्धता जताई गई है। राकांपा ने इनके अलावा धान किसानों के लिए 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस देने का भी आश्वासन दिया है।
राकांपा के अन्य वादों में 25 लाख रोजगार सृजन और दस लाख छात्रों को प्रशिक्षण के माध्यम से 10,000 रुपये मासिक मानदेय देना भी शामिल है। आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के लिए इसमें 15,000 रुपये मासिक वेतन का भी वादा किया गया है।
घोषणापत्र में लिखा गया है, ‘‘हम ऐसे उपाय लागू करने का संकल्प जताते हैं जो आवश्यक वस्तुओं के दाम को नियंत्रित करेंगे और उन्हें सभी के लिए और किफायती बनाएंगे।’’