अजित पवार का विधायक पद से इस्तीफा, शरद पवार बोले- ईडी के मुकदमे के बाद बेचैन थे
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। बागड़े ने कहा कि उन्हें राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार का इस्तीफा शाम में मिला। विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि पवार ने इस्तीफा देने की वजह नहीं बताई है। उधर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके भतीजे अजित पवार ने विधायक पद से इस्तीफा क्यों दिया।
विधानसभा अध्यक्ष बागड़े ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘उन्होंने हाथ से लिखा इस्तीफा मेरे पीएस (निजी सहायक) को दिया। उन्होंने वहां से मुझे फोन किया। मैं हैरान हुआ। मैंने दादा (अजित पवार) से पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं। दादा ने मुझे कहा कि वह मुझे बाद में बताएंगे। उन्होंने मुझसे इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया।’’
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं है जानकारी
बारामती क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अजित पवार से कोई सम्पर्क नहीं हो सका। राकांपा के अन्य नेताओं ने भी कहा कि उन्हें अपने नेता के कदम को लेकर कोई जानकारी नहीं है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। हमें इसके (इस्तीफे) बारे में जानकारी नहीं है।’’
परिवार के अंदर कोई विवाद नहीं: शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके भतीजे अजित पवार ने विधायक पद से इस्तीफा क्यों दिया। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के भीतर कोई विवाद नहीं है। पवार ने हालांकि कहा कि अजित के बेटे ने उन्हें बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनसीपी प्रमुख का नाम लेने पर महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री ‘‘बेचैन’’ थे। पवार ने पत्रकारों से बातचीत में परिवार के भीतर विवाद की खबरों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोई विवाद नहीं है। सभी पारिवारिक मामलों में मेरा फैसला अंतिम शब्द होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अजित से मिलूंगा तो उनसे इस निर्णय का कारण पूछूंगा।’’
‘बेचैन थे अजित’
पवार ने यह भी कहा कि वह एक ‘‘योद्धा’’ हैं और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के सिलसिले में उनके खिलाफ दायर धनशोधन मामला लड़ेंगे। पवार ने कहा, ‘‘उन्होंने (अजित पवार) हममें से किसी के साथ भी इस्तीफे के मुद्दे पर चर्चा नहीं की। मेरे पास इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया...उस समय से उनसे संपर्क नहीं हो सका है।’’ पवार ने कहा, ‘‘मैंने उनके बेटे से बात की, जिन्होंने मुझे बताया कि उनके पिता बेचैन थे क्योंकि उन्हें लगता था कि उनके कारण उनके चाचा का नाम (शरद पवार) को बैंक घोटाले में घसीटा गया जबकि इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है...।’’