अमित शाह का बीएमएस को आश्वासन, नई श्रम संहिता में प्रभावित नहीं होंगी ईएसआइ और ईपीएफ योजनाएं
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) नेताओं को आश्वासन दिया है कि नई श्रम संहिता से कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआइ) और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जैसी योजनाओं को किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। बीएमएस के अध्यक्ष साजी नारायण सीके और संगठन सचिव बी. सुरेंद्र ने अमित शाह से चर्चा की।
बीएमएस शुक्रवार को बताया कि भाजपा अध्यक्ष ने चर्चा के दौरान कहा कि सामाजिक सुरक्षा पर नई श्रम संहिता 2018 ईएसआइ और ईपीएफ योजनाओं में नकारात्मक बदलाव नहीं करने दिया जाएगा। बीएमएस ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का स्वागत किया। बीएमएस ने कहा कि नई सामाजिक सुरक्षा संहिता ऐतिहासिक है और इससे 43 करोड़ मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लगभग 14 लाभ मिलने लगेंगे लेकिन इसमें कई प्रावधान ऐसे भी हैं जो मजदूर विरोधी हैं। एक डर ऐसा भी है कि ईएसआइ और ईपीएफ योजनाओं पर संकट आ सकता है। इन योजनाओं को खत्म कर नई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल किया जा रहा है और इसकी लाखों-करोड़ों रुपये की राशि दूसरी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में भेजी जा रही है। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें इनमें किसी भी तरह के बदलाव नहीं होने पर आश्वस्त किया।
चर्चा के दौरान बीएमएस नेताओं ने भाजपा अध्यक्ष को करीब तीन लाख पोस्टल जीडीएस कर्मचारियों की कई दिनों से जारी हड़ताल के बारे में जानकारी दी। ये कर्मचारी ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में पोस्टल सेवा के आधार है और ये नौकरी पक्की करने, कमलेश चंद्रा कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस पर शाह ने कहा कि वे वे संबंधित व्यक्ति से बात कर रास्ता तलाशेंगे।
बीएमएस नेताओं ने शाह को आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं की भी जानकारी दी। भाजपा अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि सरकार इन कार्यकर्ताओं की समस्यायाओं और वेतन बढ़ाने के मामले में काम करेगी। इस मामले को लेकर सरकार इन कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाएगी। बीएमएस नेताओं ने मजदूर विरोधी सुधारों को लेकर भी अपनी चिंता जताई। इस पर शाह ने कहा कि श्रम कानूनों के बदलाव से पहले श्रम संगठनों से चर्चा की जाएगी। चर्चा के दौरान शाह ने कहा कि मजदूरों से संबंधित मामलों के निपटारे की त्रिपक्षीय प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। इसके लिए एक मंत्रिसमूह का गठन किया जाएगा।