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11 May 2025

'भारत-पाक स्थिति पर चर्चा के लिए पीएम की अध्यक्षता में हो सर्वदलीय बैठक', कांग्रेस ने उठाई मांग

पहलगाम घटना, ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच गोलीबारी तथा सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए बनी सहमति पर विस्तार से चर्चा करने के लिए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा कि इस पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से पूछा कि क्या नई दिल्ली ने भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के लिए दरवाजे खोले हैं, और क्या पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक चैनल खोले गए हैं। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के समझौते के बाद उन्होंने यह सवाल दागे हैं। 

एक्स पर एक पोस्ट में जयराम रमेश ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर तथा पहले वाशिंगटन डीसी से और फिर बाद में भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा की गई युद्ध विराम की घोषणाओं पर पूर्ण चर्चा के लिए संसद के एक विशेष सत्र की अपनी मांग दोहराती है।"

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रमेश ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के लिए "तटस्थ स्थल" का उल्लेख कई सवाल खड़े करता है।

उन्होंने पूछा, "क्या हमने शिमला समझौते को त्याग दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह पूछना चाहेगी कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल फिर से खोले जा रहे हैं? हमने क्या प्रतिबद्धताएं मांगी थीं और क्या प्राप्त कीं?"

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि किसी अन्य स्थान पर किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत करने का कोई निर्णय नहीं हुआ है।

यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि ''भारत और पाकिस्तान की सरकारें तत्काल युद्ध विराम और तटस्थ स्थल पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हो गई हैं।'' 

कांग्रेस नेता ने भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति पर दो पूर्व सेना प्रमुखों वीपी मलिक और मनोज नरवाने की कथित टिप्पणियों का भी हवाला दिया और कहा कि वे खुद प्रधानमंत्री से जवाब मांगते हैं। रमेश ने कहा, "अंत में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि 1971 में इंदिरा गांधी के असाधारण साहसी और दृढ़ नेतृत्व के लिए उन्हें याद करना देश के लिए स्वाभाविक है।"

एक अन्य पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा, 9 नवंबर 1981 को आईएमएफ ने भारत को 5.8 अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण मंजूर किया था। उन्होंने कहा, "अमेरिका को इस पर कड़ी आपत्ति थी और उसने कार्यकारी बोर्ड की बैठक से दूरी बना ली थी। लेकिन इंदिरा गांधी आईएमएफ को यह समझाने में सफल रहीं कि तेल की कीमतों में तीन गुनी वृद्धि से निपटने के लिए भारत को यह ऋण आवश्यक है।"

रमेश ने कहा, "29 फरवरी, 1984 को जब प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया था, तो उन्होंने उनसे यह घोषणा करवाई थी कि भारत ने आईएमएफ कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और वह स्वीकृत राशि में से 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर नहीं ले रहा है। आईएमएफ के इतिहास में यह शायद अनोखी बात है।"

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TAGS: Congress demand, jammu and kashmir, pakistan vs india, parliament session, pm narendra modi, all party meeting
OUTLOOK 11 May, 2025
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