मोदी कृषि कानूनों पर करें विचार, नहीं तो छोड़ देंगे साथः हनुमान बेनीवाल
केंद्र सरकार में एनडीए का हिस्सा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। आरएलपी के संयोजक और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने अमित शाह को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे एनडीए में बने रहने पर विचार करेंगे।
बेनीवाल ने ट्वीट किया, ''अमित शाह जी, देश मे चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित ला, गए 3 बिलों को तत्काल वापस लिया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए। चूंकि, आरएलपी एनडीए का घटक दल है लेकिन, आरएलपी की ताकत किसान व जवान हैं, इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित मे एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।''
श्री @AmitShah जी,देश मे चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित लाये गए 3 बिलों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए !
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) November 30, 2020
उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में लाये गये कृषि संबंधी तीन बिलों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की तरहफ आपका ध्यान आकर्षित करते हुए अनुरोध है कि उक्त बिलों को वापस लेने की तत्काल कार्रवाई करें। अन्नदाता आंदोलन कर रहा है जो शासन के लिये शोभनीय नहीं है।
केंद्र के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन सोमवार को भी जारी है। प्रदर्शनकारियों ने आज राष्ट्रीय राजधानी को जाने वाले पांच मार्गो को जाम करने की चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों के उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केन्द्र के प्रस्ताव को खारिज करते हुए रविवार को कहा था कि वे कोई सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे।