दिल्ली: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने विधानसभा में पेश किया विश्वास प्रस्ताव, कहा- लोकतंत्र को रौंदने की कोशिश कर रही है बीजेपी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पेश किया और दावा किया कि विपक्षी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते थे लेकिन पर्याप्त विधायकों का समर्थन हासिल नहीं कर सके।
केजरीवाल ने विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, ‘‘ हमें पता चला कि विपक्षी सदस्य हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सदन के 20 प्रतिशत सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है। दिल्ली विधानसभा में 70 सदस्य हैं यानी 14 सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत है।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि विपक्षी सदस्य 14 विधायकों का समर्थन हासिल नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने, उन्हें धमकाया, प्रलोभन दिया, लेकिन कुछ काम नहीं आया। फिर उन्होंने यह विचार छोड़ दिया।’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘ इसके जवाब में, मैं विश्वास प्रस्ताव पेश कर रहा हूं।’’
इस बीच सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के अंदर की घटनाओं से लोकतंत्र के बारे में सकारात्मक संदेश जाता है; लोकतंत्र को रौंदने की कोशिश कर रही है बीजेपी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई और ईडी की छापेमारी की धमकी या 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश आप विधायकों को नहीं तोड़ सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों को बोलने की अनुमति देने के लिए आप ने स्वेच्छा से दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाया; हम आलोचना सुनना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों के विधायकों से इसमें हिस्सा लेने और अपने मु्द्दे उठाने को भी कहा।बता दें कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी, लेकिन बाद में उसने अपने हाथ खींच लिए।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 1/5 विधायक यानी 14 विधायकों की जरूरत होती है, लेकिन सदन में भाजपा के पास इतने विधायक ही नहीं हैं। हालांकि, बीजेपी ने नियम-55 के तहत विधानसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।