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19 June 2018

खत्म हो सकता है दिल्ली का गतिरोध, IAS अधिकारी चर्चा को राजी, कांग्रेस का केजरीवाल पर वार

दिल्ली में पिछले 9 दिनों से जारी सियासी गतिरोध का अब खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धरने पर बैठे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से सुरक्षा का आश्वासन देने और हड़ताल खत्म करने की अपील का आईएएस एसोसिएशन ने स्वागत किया है। इस तरह दोनों ओर से नरमी बरते जाने से सुलह के संकेत मिल रहे हैं।

इस संबंध में आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर कहा, “पूरी ऊर्जा और जोश के साथ काम करते रहेंगे। हम इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री के साथ औपचारिक बातचीत के लिए तैयार हैं।”

अधिकारियों ने कहा कि वे अपनी सुरक्षा और सम्मान के प्रति 'ठोस हस्तक्षेप' को लेकर आशान्वित हैं।

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केजरीवाल ने क्या कहा था?

केजरीवाल ने रविवार को नौकरशाहों को आश्वासन देते हुए कहा था कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने सीमा में आने वाली सभी शक्तियों और संसाधनों का उपयोग करेंगे। केजरीवाल ने कहा था, “मुझे बताया गया है कि आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने संवाददाता सम्मेलन में अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। मैं उन्हें आश्वासन देना चाहता हूं कि मैं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने दायरे में उपलब्ध सभी शक्तियों और संसाधनों का इस्तेमाल करूंगा। यह मेरा दायित्व है।”

कांग्रेस ने साधा केजरीवाल पर निशाना

कांग्रेस ने केजरीवाल को अवसरवादी बताया है। कांग्रेस का आरोप है कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए केजरीवाल ने सियासी धरने की पटकथा रची है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा केजरीवाल सेक्युलर नहीं अवसरवादी हैं।

दिल्ली ने कांग्रेस के बड़े नेताओं ने प्रस्ताव पास कर ऐलान किया है कि केजरीवाल का धरना ड्रामा है।

क्या है मामला?

केजरीवाल दिल्ली में नौकरशाहों की कथित ‘‘हड़ताल’’ खत्म करवाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ पिछले सात दिनों से उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना पर बैठे हैं। केजरीवाल पिछले चार महीने से सरकार के कामकाज का बहिष्कार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही दिल्ली सरकार की डोर टू डोर राशन योजना को मंजूरी देने की बात कह रहे हैं। उपराज्यपाल ने मांगों को मानने से मना कर दिया है जबकि केजरीवाल का कहना है कि मांगें पूरी होने तक वह डटे रहेंगे। उनका कहना है कि अफसरों की हड़ताल के कारण दिल्ली के लोगों के कामों पर असर पड़ रहा है। उपराज्यपाल ने जहां अफसरों में अविश्वास और डर का माहौल होने की बात कही है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे उपराज्यपाल द्वारा प्रायोजित हड़ताल करार दिया है।

ये हैं तीन मांगें

#उपराज्यपाल स्वयं आईएएस अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल फौरन खत्म कराएं, क्योंकि वो सेवा विभाग के प्रमुख हैं।

 

#काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।

 

#राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी की योजना को मंजूर करें।

क्या है कथित हड़ताल की वजह?

मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कथित मारपीट के बाद आईएएस पिछले करीब चार माह से कथित तौर पर हड़ताल पर हैं।

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TAGS: arvind kejriwal, protest, ias association, ready for talk
OUTLOOK 19 June, 2018
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