24 घंटे में दूसरी बार राज्यपाल से मिलने से पहले बोले गहलोत, 'जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति से मिलेंगे, पीएम आवास पर धरना देंगे'
पिछले 24 घंटों में दूसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा सत्र बुलाने के नए प्रस्ताव पर चर्चा के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलेंगे। ये विशेष सत्र को अगले सप्ताह सोमवार को बुलाने की चर्चा है। उनकी मुलाकात शनिवार को होने वाली है। इस बीच सीएम गहलोत ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो वो राष्ट्रपति से मिलेंगे। पीएम मोदी आवाज पर धरना देंगे। सीएम गहलोत ने शुक्रवार की रात को दूसरी बार कैबिनेट बैठक बुलाई। इस बैठक में प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चा की गई। मंत्रिमंडल में गहमागहमी के बाद सीएम गहलोत राज्यपाल से मिलने वाले हैं। गौरतलब है कि विधानसभा सत्र बुलाने का दूसरा प्रस्ताव पहले ही राज्यपाल को भेजा जा चुका है। इस बीच, राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने भी राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है।
राज्य की सियासत में पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से कांग्रेस की अगुवाई वाली गहलोत सरकार के बीच बगावत के सुर गूंज रहे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बागी तेवर अख्तियार किए हुए हैं। इनके करीब 18 समर्थक विधायक भी बागी बने हुए हैं। बागियों को लेकर अपने पहले प्रस्ताव पर राज्यपाल द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार रात कैबिनेट की बैठक की बैठक बुलाई गई।
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सूत्र के मुताबिक राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने के संबंध में शुक्रवार की रात बैठक हुई थी। वहीं, सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल के शनिवार को फिर से बुलाए जाने की संभावना है।
इस तनातनी के बीच कांग्रेस की अगुवाई वाली गहलोत सरकार विधानसभा के सत्र बुलाने को लेकर जोर दे रही है, ताकि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा शुक्रवार को आदेश दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री सदन के पटल पर अपना बहुमत साबित कर सकें कि स्पीकर द्वारा भेजी गई अयोग्यता नोटिसों पर यथास्थिति बरकरार रखी जाए। पायलट और 18 अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर स्पीकर सीपी जोशी ने नोटिस भेजा है, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया। हाईकोर्ट में 24 जुलाई को सुनवाई से पहले सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली 27 जुलाई को होगी।
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राज्यपाल ने शुक्रवार को अशोक गहलोत सरकार से पूछा था कि अगर उनकी सरकार पहले से ही बहुमत में है तो फिर विश्वास मत साबित करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाना क्यों चाहते है।
राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राजभवन द्वारा भेजे गए एक पत्र के हवाले से छह-सूत्रीय प्रश्नावली के माध्यम से कहा था। उन्होंने अपने बयान में इस बात जोर दिया कि "कोई भी संवैधानिक गरिमा से ऊपर नहीं है और किसी भी दबाव की राजनीति का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा की गहलोत सरकार द्वारा किए गए अनुरोध में सत्र बुलाने की कोई तारीख नहीं बताई गई थी और न ही कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी थी।