असम: भाजपा का पंचायत चुनाव घोषणापत्र, ग्रामीण विकास और सशक्तिकरण पर जोर
भारतीय जनता पार्टी ने असम में आगामी पंचायत चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल शासन और स्थानीय रोजगार सृजन जैसे वादे किए गए। गुवाहाटी में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने इस घोषणापत्र को लॉन्च किया। यह चुनाव 2 मई और 7 मई को दो चरणों में होंगे, जिनके परिणाम 11 मई को घोषित होंगे।
घोषणापत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत में पक्की सड़कों का निर्माण, 24 घंटे बिजली आपूर्ति, सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइट्स और जल जीवन मिशन के तहत 100 प्रतिशत नल कनेक्शन का वादा किया गया है। स्वच्छता के लिए सामुदायिक शौचालय और कचरा प्रबंधन इकाइयां स्थापित की जाएंगी। महिलाओं के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूहों को 10,000 रुपए की वित्तीय सहायता और स्थानीय हाट-बाजारों में मुफ्त स्टॉल की व्यवस्था का ऐलान किया गया है।
कृषि क्षेत्र में छोटे किसानों के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी पर ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई, खाद्य प्रसंस्करण और हस्तशिल्प उद्योगों के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण, और प्रत्येक पंचायत में कौशल विकास केंद्र की स्थापना का वादा किया है। डिजिटल पंचायत के तहत पंचायत कार्यालयों में मुफ्त वाई-फाई, ऑनलाइन पोर्टल के जरिए पारदर्शी बजट जानकारी और सरकारी योजनाओं के लिए मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा।
स्वास्थ्य और शिक्षा में हर पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मुफ्त दवा वितरण, स्मार्ट क्लासरूम, शिक्षक भर्ती और किशोरियों के लिए मुफ्त सैनिटरी पैड वितरण की योजना है। घोषणापत्र जारी करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "यह घोषणापत्र ग्रामीण असम के विकास का रोडमैप है। हमारी सरकार ने पहले ही कई योजनाओं को लागू किया है, और अब हम पंचायतों को और सशक्त बनाएंगे।"
उन्होंने निर्विरोध जीती गई 325 सीटों का हवाला देते हुए दावा किया कि जनता का भरोसा भाजपा के साथ है।
वहीं कांग्रेस ने घोषणापत्र को "खोखला" करार देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली और पानी की समस्याएं बरकरार हैं। पंचायत चुनावों में 1.80 करोड़ मतदाता 25,007 मतदान केंद्रों पर वोट डालेंगे। कुल 21,920 ग्राम पंचायत सीटें, 2,192 आंचलिक पंचायत सीटें और 397 जिला परिषद सीटें दांव पर हैं। परिसीमन के बाद यह पहला पंचायत चुनाव है। भाजपा का यह घोषणापत्र ग्रामीण मतदाताओं को लुभाने की रणनीति का हिस्सा है। अब यह देखना होगा कि ये वादे मतदाताओं को कितना प्रभावित करते हैं और चुनाव परिणामों में भाजपा की स्थिति कैसी होगी।