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23 September 2024

आतिशी द्वारा केजरीवाल की कुर्सी खाली छोड़ना संविधान और सीएम पद का घोर अपमान: भाजपा, कांग्रेस

भाजपा और कांग्रेस ने सोमवार को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी पर उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठने के फैसले को लेकर हमला बोला और कहा कि उनका यह कदम संवैधानिक नियमों और मुख्यमंत्री पद का "गंभीर अपमान" है।

सोमवार को दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाली आतिशी ने कहा कि वह चार महीने तक दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगी, जैसे रामायण के भरत ने अपने बड़े भाई भगवान राम की अनुपस्थिति में उनकी खड़ाऊं (लकड़ी की चप्पल) को राजगद्दी पर रखकर अयोध्या पर शासन किया था।

बता दें कि वह एक सफेद कुर्सी पर बैठीं, जो केजरीवाल की कुर्सी के बगल में रखी गई थी। आतिशी पर निशाना साधते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि उनका यह कदम संवैधानिक नियमों और मुख्यमंत्री के पद का "अपमान" है।

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उन्होंने कहा, "उन्होंने जो किया वह आदर्श नहीं था। अपने इस कदम से उन्होंने न केवल मुख्यमंत्री के पद का अपमान किया है, बल्कि दिल्ली के लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि क्या वह रिमोट कंट्रोल के जरिए सरकार चलाएंगे।"

दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल की कुर्सी खाली रखने के अपने कदम से आतिशी ने खुद को एक "डमी" मुख्यमंत्री साबित कर दिया है।

यादव ने कहा, "मुझे इस बात पर कड़ी आपत्ति है कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद एक व्यक्ति की तुलना भगवान राम से की जा रही है। आतिशी ने सारी हदें पार कर दी हैं और खुद को एक डमी मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया है।"

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस कदम से यह साबित हो गया है कि लोगों को आतिशी सरकार से कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।

भाजपा के उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर संविधान का "अपमान" किया है और साबित कर दिया है कि आतिशी एक "कठपुतली मुख्यमंत्री" हैं।

तिवारी ने कहा, "जब कार्यालय में मुख्यमंत्री हों तो खाली कुर्सी का क्या मतलब है? यह कृत्य दिखाता है कि वह एक कठपुतली मुख्यमंत्री हैं और यह संविधान का गंभीर अपमान है। मुझे यकीन है कि दिल्ली के लोग इसका संज्ञान लेंगे।"

कार्यभार संभालने के बाद आतिशी ने कहा, "मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर चार महीने तक काम करूंगी, जैसे भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं को सिंहासन पर रखकर काम किया था। अरविंद केजरीवाल ने पद छोड़कर राजनीति में मर्यादा की मिसाल कायम की है। भाजपा ने उनकी छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।मुझे उम्मीद है कि लोग फरवरी के चुनावों में केजरीवाल को वापस लाएंगे। तब तक उनकी कुर्सी सीएम कार्यालय में ही रहेगी।"

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TAGS: Bjp, congress, aam Aadmi party aap, delhi cm, arvind kejriwal, atishi
OUTLOOK 23 September, 2024
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