ओवैसी बोले, अगर BJP श्री श्री के बयान से सहमत है तो मैं शिकायत करूंगा
सोमवार को राम मंदिर के मुद्दे पर श्री श्री रविशंकर की ‘सीरिया’ वाली टिप्पणी को विभिन्न राजनीतिक दलों ने "भड़काऊ" बयान बताया। श्री श्री ने कहा था, अगर यह विवाद समाप्त नहीं हुआ तो देश सीरिया बन जाएगा।
इस मामले में अब ताजा बयान देते हुए ओवैसी ने कहा कि उन्हें अपने संविधान पर विश्वास नहीं है। उसे कानून पर विश्वास नहीं है। वह समझते हैं कि वह खुद ही कानून है। ओवैसी ने कहा कि वह खुद को इतना बड़ा मानते हैं और यह समझते हैं कि सभी उन्हें सुनेंगे। वह राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले में बिल्कुल निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अगर बीजेपी श्रीश्री के बयान से सहमत है तो मैं शिकायत करूंगा।
He does not believe in the constitution, he does not believe in the law. He feels he is the law himself. He feels he is so big that everyone should listen to what he says. He is not neutral: Asaduddin Owaisi on Sri Sri Ravi Shankar's earlier statement. #Ayodhya pic.twitter.com/4Q4GChnrZm
— ANI (@ANI) March 6, 2018
Agar BJP kehti hai ki wo inke bayaan se sehmat hain, toh main karunga complaint. BJP itni khamosh kyun hai?:Asaduddin Owaisi on Sri Sri Ravi Shankar's earlier statement 'Humaare desh ko Syria jaisa nahi banana chahiye'. #Ayodhya pic.twitter.com/G0Z4YxJok9
— ANI (@ANI) March 6, 2018
हालांकि अब मामले को उलझता देख श्रीश्री रविशंकर ने अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा, उनके बयान को धमकी के रूप में नहीं लेना चाहिए, बल्कि सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सपने में भी नहीं सोच सकता कि किसी को धमकी दूं।
जद(यू) के वरिष्ठ नेता के.सी त्यागी ने न्यूज़ एजेंसी एनआई को बताया कि श्री श्री रविशंकर को ऐसे भड़काऊ बयानों को देने से बचना चाहिए। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता माजिद मेमन ने भी आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) के संस्थापक की टिप्पणी को दुखद कहा। मेमन ने कहा, ‘मैं श्रीश्री जी द्वारा दिए गए इस तरह का बयान सुनने के बाद दुखी हूं। मैंने उम्मीद नहीं की थी कि वह इस तरह से हिंसा को बढ़ावा देने वाली बयान देंगे।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मेमन ने आगे राम मंदिर के मुद्दे पर रविशंकर के हस्तक्षेप के पीछे के कारण पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "मैं भी बहुत सम्मान से यह पूछना चाहूंगा कि आप जो इस मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं, आप पिछले 25 सालों से कहां थे? और अब वह सामने आकर इस मुद्दे पर तब बात कर रहे हैं जब सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले की घोषणा कर रहा है। इस बीच, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी एओएल के बयान को "अच्छा मनोरंजन" बताया।
वहीं, जबकि श्री श्री का कहना है, 'मैं सपने में भी नहीं सोच सकता कि मैं किसी को धमकी दूं, जो हमने कहा कि हमारे देश में ऐसी हिंसा नहीं होनी चाहिए जैसे मिडिल ईस्ट में, इससे हमें डर लगता है'।
Main sapne mein bhi nahi soch sakta ki main kisi ko dhamki dun. Jo humne kaha ki humare desh mein aisi hinsa nahi honi chaiye jaise Middle East mein, isse humein darr lagta hai: Sri Sri Ravishankar in Bareilly #Ayodhya pic.twitter.com/Pe4vjfN51t
— ANI UP (@ANINewsUP) March 6, 2018
इससे पहले श्री श्री के बयान पर शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सीरिया जैसी स्थिति यहां पैदा नहीं हो सकती है। यहां पर बहुत सेक्युलर मुसलमान और सेक्युलर हिंदू रहते हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को अयोध्या विवाद को लेकर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर यह विवाद समाप्त नहीं हुआ तो देश सीरिया बन जाएगा। श्री श्री ने कहा था कि अयोध्या मुस्लिमों का धार्मिक स्थल नहीं है और ऐसे में उन्हें इस धार्मिक स्थल पर अपना दावा छोड़कर मिसाल पेश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस मसले पर अगर कोर्ट में फैसला आया तो कोई एक पक्ष अपनी हार स्वीकार नहीं करेगा। हो सकता है कि कुछ समय के लिए कोर्ट का फैसला मान भी लें, लेकिन फिर कुछ समय बाद विवाद शुरु हो जाएगा, जो समाज के लिए अच्छा नहीं होगा।