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08 October 2025

बिहार विधानसभा का सबसे निष्क्रिय कार्यकाल, पिछले 5 साल में सिर्फ 146 दिन चला सदन

बिहार की 17वीं विधानसभा अपने पाँच वर्षीय कार्यकाल में अब तक की सबसे कम सक्रिय रही। इस दौरान सदन की बैठकें कुल 146 दिनों तक ही चलीं। यानी औसतन हर साल लगभग 29 दिन। 

समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक विधायी थिंक टैंक के विश्लेषण के हवाले से कहा कि बैठक वाले दिनों में भी सदन ने औसतन केवल तीन घंटे तक काम किया। 

तुलना के लिए, पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, वर्ष 2024 में देशभर की विधानसभाओं ने बैठक वाले दिनों में औसतन पाँच घंटे काम किया था।

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गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 17वीं विधानसभा ने कुल 78 विधेयक पारित किए और दिलचस्प बात यह रही कि सभी विधेयक उसी दिन पास कर दिए गए जिस दिन वे प्रस्तुत किए गए थे। किसी भी विधेयक को समीक्षा या विचार के लिए किसी समिति के पास नहीं भेजा गया।

इन विधेयकों में अधिकतर शिक्षा, वित्त, कराधान और प्रशासन से जुड़े रहे। प्रमुख विधेयकों में बिहार सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024, बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक, 2024 और प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण, सुरक्षा और कल्याण) विधेयक, 2025 शामिल हैं।

साल 2023 में, विधानसभा ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण बढ़ाने से संबंधित दो विधेयक पारित किए थे, लेकिन जून 2024 में पटना उच्च न्यायालय ने इन्हें रद्द कर दिया।

वार्षिक बजट पर सामान्य चर्चा के साथ-साथ, विधायकों ने प्रमुख मंत्रालयों के खर्चों पर भी विचार-विमर्श किया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2025 के बीच विधानसभा ने मंत्रालयों के व्यय पर औसतन केवल नौ दिनों तक चर्चा की।

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TAGS: Bihar assembly elections, assembly function, inactive tenure, 5 years
OUTLOOK 08 October, 2025
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