जब प्रशांत और सुप्रिया जैसे स्वतंत्र पत्रकारों को सताया जाता है तब चुप रहती है बीजेपी, सेलेक्टिव नाराजगी से स्तब्ध: कांग्रेस
कांग्रेस ने एक टीवी चैनल के संपादक की गिरफ्तारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आक्रोश पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे खेदजनक स्थिति बताया और कहा कि कानून को अपना काम करते रहना चाहिए। कांग्रेस ने बीजेपी पर सेलेक्टिव नाराजगी जाहिर करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि जब स्वतंत्र पत्रकारों को सताया जाता है, तो बीजेपी चुप क्यों रहती है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जो भाजपा एक टीवी संपादक की गिरफ्तारी पर आक्रोश व्यक्त कर रही है उसने देश के अन्य हिस्सों में पत्रकारों पर हुए हमले पर चुप्पी क्यों साधे रखी और वह पीड़ित पत्रकारों के साथ खड़ी क्यों नहीं हुई। ऐसी स्थिति में उनके मुंह से कोई शब्द क्यों नहीं निकलते है।
उन्होंने कहा की वह पत्रकारिता को समझती हैं और गिरफ्तार टीवी संपादक जो पत्रकारिता कर रहे हैं वह शर्मनाक है और भाजपा के एजेंडा को पत्रकारिता के माध्यम से चलाने का काम कर रहे है। प्रवक्ता ने कहा कि इन संपादकों ने पत्रकारिता का मखौल बना कर दिया है। यह दुखद स्थिति है कि अपने स्टूडियो में कुछ लोगो को बिठाकर अनर्गल आरोप लगाते है और एक एजेंडा को थोपने का काम करते है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "मैं सरकार और भाजपा की ऐसी सेलेक्टिव नाराजगी से स्तब्ध हूं, यह अनुचित है। उन्होंने बीजेपी की ओर से काम करते हुए पत्रकारिता का अपमान किया है, वे लोगों को गालियां दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं। क्या वो जज या जूरी हैं, वो किस प्रकार की पत्रकारिता कर रहे हैं?"
उन्होंने प्रशांत कनौजिया और सुप्रिया शर्मा का उदाहरण देते हुए कहा, "जब स्वतंत्र पत्रकारों को सताया जाता है, तो बीजेपी चुप क्यों रहती है।" इन दोनों पत्रकारों पर उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्वीट और खबरें करने पर मामला दर्ज किया था। कांग्रेस ने कहा कि अगर कोई निर्दोष है तो कोई कार्रवाई नहीं होगी। कानून अपने तरीके से काम करेगा।