वाड्रा मामले की जांच करने वाले जज को भाजपा ने रिश्वत दीः कांग्रेस
गौरतलब है कि जस्टिस ढींगरा गुरुवार को ही अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंपने वाले थे मगर शाम होते-होते उन्होंने इरादा बदल दिया और कमेटी का कार्यकाल डेढ़ महीने बढ़ाने की मांग कर डाली। जस्टिस ढींगरा ने मुख्यमंत्री को मेल भेजकर कहा है कि इस मामले में उन्हें गुरुवार को ही कुछ और दस्तावेज मिले हैं जिनका अध्ययन करने और रिपोर्ट में इनसे जुड़े तथ्य शामिल करने के लिए उन्हें और समय चाहिए।
दूसरी ओर कांग्रेस के नेता कैप्टन अजय यादव ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार ने पिछले वर्ष ही जस्टिस ढींगरा को परोक्ष रूप से फायदा पहुंचाया है इसलिए इस आयोग को तत्काल भंग किया जाना चाहिए। यादव का आरोप है कि जस्टिस ढींगरा द्वारा संचालित जस्टिस गोपाल सिंह पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के स्कूल तक अप्रोच सड़क बनाकर सरकार ने उन्हें उपकृत किया है। दरअसल इस ट्रस्ट को गुड़गांव के एक गांव में एक किसान ने गांव के बच्चों के लिए स्कूल आरंभ करने के लिए कुछ जमीन दान दी है। इस भूमि पर कुछ निर्माण भी पहले से हुआ पड़ा है मगर यहां तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं थी। जस्टिस ढींगरा ने इस सड़क के निर्माण के लिए पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर में गुड़गांव प्रशासन के पास आवेदन दिया था जिसे तत्काल मंजूरी मिल गई और 90 लाख रुपये से अधिक की स्वीकृति देकर आधी राशि रिलीज भी कर दी गई। अब कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने इस तरीके से जस्टिस ढींगरा को फायदा पहुंचाया है इसलिए ढींगरा की रिपोर्ट को निष्पक्ष नहीं माना जा सकता।
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी पर जमीन घोटाला करने का आरोप है। कृषि वाली जमीन खरीद कर सरकार से उसका लैंड यूज बदलवाकर उसे रियल इस्टेट कंपनी डीएलएफ को बेचकर भारी मुनाफा कमाने समेत अन्य आरोपों की जांच जस्टिस ढींगरा कमेटी कर रही है।