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27 December 2015

राम माधव के 'अखंड भारत' से भाजपा ने किया किनारा

राम माधव के बयान के बारे में बार-बार किए गए सवालों के जवाब में भाजपा प्रवक्ता एमजे अकबर ने 1999 में लौहार यात्रा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा कहे गए उस वाक्य को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान संप्रभु राष्ट्रों के रूप में वार्ता कर रहे हैं और वह तथ्य एक तथ्य है।

यह पूछे जाने पर कि जब पार्टी और सरकार का मत स्पष्ट है तो भाजपा के एक महत्वपूर्ण महासचिव ने एेसा बयान क्यों दिया, अकबर ने कहा माधव एक खास सवाल का जवाब दे रहे थे...उन्हें अपने विचार रखने का अधिकार है। लेकिन सरकार के रूख में किसी तरह के स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है। माधव ने कहा था, आरएसएस का मानना है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक दिन फिर से एक हो जाएंगे और एेसा युद्ध से नहीं बल्कि लोकप्रिय सद्इच्छा से होगा। अल जज़ीरा चैनल से बातचीत के दौरान भाजपा महासचिव ने यह भी कहा था कि आरएसएस सदस्य होने के नाते उनका भी यही विचार है।

विपक्ष ने लिया आड़े हाथ

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भाजपा ने भले ही महासचिव राम माधव के अखंड भारत वाले बयान से खुद को अलग कर लिया लेकिन कांग्रेस आैर विपक्षी दलों इस बयान के लिए उन्‍हें आड़े हाथ लिया। कांग्रेस ने कहा कि भगवा पार्टी को अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए ह्दय प्रतिरोपण कराने की जरूरत पड़ेगी। वहीं, माकपा ने अखंड भारत पर माधव की टिप्पणी को पाकिस्तान के साथ शुरू हुई बातचीत को पटरी से उतारने का निश्चित तरीका करार दिया है। कांग्रेस ने माधव के अखंड भारत के विचार को शानदार करार दिया, लेकिन यह भी कहा कि इसके लिए भाजपा को बड़े दिल की जरूरत पड़ेगी।

कांग्रेस प्रवक्ता टाॅम वडक्कन ने राम माधव पर तंज कसते हुए कहा, यह एक शानदार विचार है। यह होना चाहिए। उन्होंने भविष्य के बारे में बात की है, लेकिन देश में माहौल खराब हो रहा है। अर्थव्यवस्था की हालत लचर है और महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा....इन चीजों का निदान जरूरी है और आपको तो भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों से ही समस्या है।

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TAGS: भाजपा, राम माधव, अखंड भारत, पाकिस्‍तान, अल जजीरा
OUTLOOK 27 December, 2015
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