भाजपा विधायकों-सांसदों के खिलाफ दर्ज हैं महिलाओं के खिलाफ अपराध के सर्वाधिक मामले
देश में 51 सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं, जिनमें कथित दुष्कर्म और अपहरण जैसे मामले भी शामिल हैं। चुनाव सुधार के क्षेत्र में काम करने वाली ग़ैर-सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक अध्ययन में ये जानकारी सामने आई है। एडीआर के अध्ययन में कहा गया कि 51 में से 48 विधानसभाओं के सदस्य हैं और तीन संसद के सदस्य हैं।
बीजेपी के एमएलए-एमपी की संख्या सबसे ज्यादा
पार्टीवार विवरण देते हुये अध्ययन में कहा गया कि विभिन्न मान्यता प्राप्त दलों में भाजपा के विधायकों-सांसदों की संख्या सबसे ज्यादा 14 है, जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों की घोषणा की है। इनके अलावा शिवसेना के 7 और तृणमूल कांग्रेस के 6 सदस्य हैं। यह जानकारी सांसदों, विधायकों के चुनावी हलफनामों के विश्लेषण से जुटाई गई है।
एडीआर के अध्ययन के मुताबिक, "देश में 51 ऐसे सांसद और विधायक हैं जिन्होंने अपने खिलाफ दायर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की घोषणा की है। इनमें हमला या महिला की गरिमा भंग करने के उद्देश्य से आपराधिक बल का इस्तेमाल, अपहरण, महिला को शादी के लिये बाध्य करना, दुष्कर्म, महिला से क्रूरता, देह व्यापार के लिये नाबालिग की खरीद-फरोख्त, महिला का अपमान करने के उद्देश्य से हावभाव का प्रदर्शन शामिल हैं।
आरोपियों को टिकट देने में बीजेपी सबसे आगे
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने देश के वर्तमान सांसदों और विधायकों द्वारा सौंपे गए 4,896 में से 4,852 चुनावी हलफनामों के विश्लेषण के आधार पर ये आंकड़ा जारी किया है। विश्लेषण किए गए हलफनामों में पाया गया कि 1,581 (लगभग 33%) सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 51 महिलाओं के ख़िलाफ़ हुए अपराधों से जुड़े हैं।
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि 334 उम्मीदवार ऐसे भी थे, जिन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की थी और इन्हें मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा टिकट दिया गया।
बीते 5 सालों में ऐसे मामलों के आरोपियों को टिकट देने में भी भाजपा सबसे आगे रही। इन सालों के दौरान भाजपा ने 48 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया, दूसरे स्थान पर बसपा (36) रही और कांग्रेस ने ऐसी दागदार छवि वाले 27 उम्मीदवारों को टिकट दिया।