जेठमलानी का दंश, भाजपा को ज्वाइन करना मेरे जीवन की सबसे बड़ी ट्रेजेडी
नेशनल इंस्टीट्यूट लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) में चल रही जस्टिस आरके तन्खा मूटकोर्ट के फाइनल राउंड को जज करने जेठमलानी भोपाल पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि मैं लॉ और जस्टिस वाला आदमी हूं। मैंने हमेशा सच ही बोला और इसीलिए बहुत कुछ सफर भी किया। मुझे याद है अटलजी के समय में मैं पुणे-मुंबई के रास्ते में था कि जसवंत सिंह का फोन आया और अटलजी बड़ा झिझकते हुए बोले, आपका रेजिग्नेशन चाहिए।
आपको पता हैं, मैं वापस नहीं लौटा और मैंने उनको कहा, आपको रेजिग्नेशन भेज दूंगा। मैंने राजनीति छोड़ दी और मैं इसे सेक्रिफाइस भी नहीं मानता था, क्योंकि मिनिस्टर के तौर पर मैंने कभी पैसे नहीं बनाए।
जेठमलानी ने कहा कि मैं तो बार काउंसिल में पैसे बनाता हूं, यहां मेरे क्लाइंट से लिया गया 10 प्रतिशत ही मिनिस्टर की तन्ख्वाह का 100 गुना होता है। जेठमलानी ने कहा कि 2010 में मुझे दोबारा भाजपा में बुलाया गया, लेकिन तब मैंने अपनी शर्तों पर पार्टी में आने की मंजूरी दी और काले धन को लाने का सबसे बड़ा कन्वेंशन करवाया। इस कन्वेंशन में शामिल होने वाला भारत पहला देश था।