कांग्रेस और बिहार भाजपा कार्यकारिणी के एजेंडे में
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस केंद्र सरकार में गल्तियां खोजने की बजाय अपने नेता को खोजे तो ज्यादा उपयुक्त होगा। भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर शाह ने कहा कि विपक्षी दल ज्यादा भ्रम फैला रहे हैं। शाह ने यह कहते हुए इस विवादास्पद विधेयक के प्रति अपने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश की कि यह किसानों के पक्ष में है और भाजपा किसानों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है। शाह ने कहा कि विपक्ष हताश, निराश और दिशाहीन है। उन्हें उन त्रुटियो और कमियों को ढूंढ़ना बंद करना चाहिए जो हैं ही नहीं। यदि उन्हें कुछ ढूंढना है तो वे अपने नेता को ढूंढें। शाह ने दावा किया कि मोदी सरकार केंद्र में 10-20 साल रहने के लिए आयी है। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि नयी सरकार ने देश की राजनीतिक संस्कृति को बदलते हुए घोटाले के शासन और नीतिगत पंगुता को खत्म कर दिया है।
शाह ने 10 माह की नरेन्द्र मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इसने शासन की प्रणाली में परिकल्पना के स्तर पर बदलाव किया है। उसने यह काम पारदर्शिता लाकर और नीतिगत पंगुता को समाप्त करके किया है। उन्होंने कहा कि मंत्री अब अधिकार संपन्न हो गये है और उनकी स्थिति पूर्व की तरह नहीं है जब प्रधानमंत्री के पास भी अधिकार नहीं होते थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 10 साल के संप्रग के घोटाले वाले शासन को खत्म कर दिया अब घोटाले की कोई गुंजाइश भी नहीं है।
भाजपा प्रमुख ने कहा, प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी एक नयी राजनीतिक संस्कृति लेकर आये और उन्होंने माहौल बदल दिया है। नीतिगत पंगुता समाप्त हो गयी है। कोयला एवं स्पेक्टम नीलामी से सरकारी खजाने को हुई रिकार्ड आय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सुशासन के चलते नीलामी के दौरान पूर्ण पारदर्शिता को देखा गया जिसे उन्होंने भ्रष्टाचार पर बड़ा हमला बताया। उन्होंने संयुक्त राष्ट द्वारा 21 जून को अंतरराष्टीय योग दिवस घोषित किये जाने को भारतीय कूटनीति की एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि एेसा प्रधानमंत्राी के आगे बढ़कर कदम उठाये जाने के चलते हुआ।
शाह ने बिहार की नीतीश सरकार पर भी जमकर हमला बोला। शाह ने कहा कि जदयू के अलग होने के बाद बिहार में जंगल राज - दो लौट आया है,इससे बिहार के लोग बहुत नाराज और परेशान हैं। उन्होने कहा कि राज्य की जनता बदलाव चाहती है।