Advertisement
27 June 2022

महाराष्ट्र संकट: शिवसेना का भाजपा पर बड़ा हमला, कहा- केंद्र की डफली पर नाच रहे बागी विधायक

महाराष्ट्र के बागी शिवसेना विधायकों को केंद्र द्वारा वाई-प्लस सुरक्षा प्रदान करने के बीच पार्टी ने सोमवार को दावा किया कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल के पीछे भाजपा है।

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों की तुलना 'बड़े बैल' से की गई और आरोप लगाया कि उन्हें 50 करोड़ रुपये में 'बेचा' गया है।

केंद्र ने रविवार को कम से कम 15 बागी शिवसेना विधायकों के लिए सीआरपीएफ कमांडो के वाई-प्लस सुरक्षा कवर दिया।

जिनको सुरक्षा मुहैया कराई गई उनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य शामिल हैं।

अधिकारियों ने कहा था कि महाराष्ट्र में रहने वाले उनके परिवारों को भी सुरक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगभग चार से पांच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कमांडो, पाली में, प्रत्येक विधायक को महाराष्ट्र में सुरक्षित करेंगे।

'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, "आखिरकार, भाजपा बेनकाब हो गई है। वे कह रहे थे कि शिवसेना में विद्रोह एक आंतरिक मामला है।"

इसमें दावा किया गया, 'लेकिन रात के अंधेरे में अमीर एकदास (एकनाथ) शिंदे और देवेंद्र फडणवीस (विपक्ष के नेता) की मुलाकात वडोदरा में हुई। यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में मौजूद थे।'

मराठी प्रकाशन ने कहा कि केंद्र ने बैठक के बाद बागी विधायकों को तुरंत वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की, जैसे कि वे "लोकतंत्र के रक्षक" हों।

उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र को डर है कि राज्य में वापस आने के बाद विधायक अपनी पार्टी में लौट आएंगे?

Advertisement

संपादकीय में कहा गया, "अब यह स्पष्ट है कि केंद्र और राज्य में भाजपा ने इन अभिनेताओं (विद्रोही विधायकों) के लिए पटकथा लिखी है और तार खींचकर पूरे नाटक का निर्देशन कर रही है।"

संपादकीय में कहा गया कि महाराष्ट्र के सियासी लोकनाट्य में केंद्र की डफली, तंबूरे वाले कूद पड़े हैं और राज्य के ‘नचनिये’ विधायक उनकी ताल पर नाच रहे हैं। ये तमाम ‘नचनिये’ लोग वहां गुवाहाटी के एक पांच सितारा होटल में अपने महाराष्ट्र द्रोह का प्रदर्शन पूरे देश और दुनिया को करा रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि बागी विधायकों को वाई प्लस सुरक्षा देकर महाराष्ट्र के खिलाफ भाजपा के "देशद्रोह" का पर्दाफाश हो गया है।

शिवसेना ने आगे कहा कि बागी विधायकों को उनके जीवन के लिए खतरा बताकर वाई प्लस सुरक्षा प्रदान करना राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण करने जैसा है और यह केंद्र के "निरंकुश" व्यवहार का पहला उदाहरण नहीं है।

शिंदे ने पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को पत्र लिखकर कहा था कि बागी विधायकों के परिवारों की सुरक्षा वापस ले ली गई है।

शिवसेना ने कहा कि वाल्से पाटिल ने स्पष्ट किया है कि बागी विधायकों के परिवारों की सुरक्षा नहीं हटाई गई है। कहा है, "यहां तक कि अगर इसे हटा दिया गया, तो यह नहीं कहा जा सकता था कि यह सटीक राजनीतिक प्रतिशोध के कारण किया गया था। लेकिन, राज्य सरकार ने इस तरह के क्रूर व्यवहार का सहारा नहीं लिया।"

शिवसेना के अधिकांश विधायकों ने एकनाथ शिंदे के प्रति अपनी वफादारी को स्थानांतरित कर दिया है और वर्तमान में असम के गुवाहाटी शहर में डेरा डाले हुए हैं, जिससे सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में आ गई है।

महाराष्ट्र विधायिका सचिवालय ने शनिवार को शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को 'समन' जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा, जिसमें उनकी अयोग्यता की मांग की गई थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: महाराष्ट्र राजनीतिक संकट, भाजपा, शिवसेना, सामना, उद्धव ठाकरे, भाजपा, एकनाथ शिंदे, Maharashtra Political Crisis, BJP, Shiv Sena, Saamana, Uddhav Thackeray, BJP, Eknath Shinde
OUTLOOK 27 June, 2022
Advertisement