हंगामे के बीच सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन, मनोज तिवारी और अमानतुल्लाह भिड़े
राजधानी दिल्ली में यमुना नदी पर नवनिर्मित सिग्नेचर ब्रिज का रविवार को उद्घाटन तनावपूर्ण माहौल में हुआ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहते हुए भाजपा पर निशाना साधा कि देश को प्रगति के लिए मंदिर और प्रतिमाओं की नहीं बल्कि पुल, स्कूल और अस्पतालों की जरूरत है।
पुल के उद्घाटन से पहले काफी हंगामा हुआ। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने इस पुल के उद्घाटन कार्यक्रम में कथित रूप से आमंत्रित नहीं करने को लेकर प्रदर्शन किया। उनकी वहां कुछ आप कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की भी हुई।
केजरीवाल ने पुल का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘चार दिन पहले 182 मीटर की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया गया था और आज 154 मीटर ऊंचे पुल का उद्घाटन किया जा रहा है। देश को इसका निर्णय करना है कि क्या उसे प्रतिमाओं और मंदिरों की जरूरत है या पुल, स्कूल और अस्पतालों की।’’
उन्होंने कहा कि सिग्नेचर ब्रिज का विचार उन्हें देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की याद दिलाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि नेहरू ने भेल और सेल जैसे संस्थानों की बजाय मंदिरों और प्रतिमाओं के निर्माण का चयन किया होता तो देश ने प्रगति नहीं की होती। यदि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के ऊपर मंदिरों और मस्जिदों को तरजीह दी गई तो देश 15वीं सदी में पड़ा रहेगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सरकार को पुल का निर्माण कार्य करने से रोकने के लिए अधिकारियों और इंजीनियरों को उनके खिलाफ सीबीआई छापों की धमकियां दी गई।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘सिग्नेचर ब्रिज इसलिए पूरा हुआ क्योंकि दिल्ली में एक ईमानदार सरकार है।’’
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार की ओर से इसके लिए बाधाएं खड़ी की गईं कि सिग्नेचर ब्रिज का काम दिल्ली में आप सरकार के कार्यकाल में पूरा नहीं हो।
मनोज तिवारी के साथ वहां जमा हुए भाजपा समर्थकों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यदि मोदी सरकार ने इस पुल में एक इंच भी योगदान किया होता तो मैं काले झंडे दिखाने वालों की तरह मोदी...मोदी का नारा लगाता।’’
उन्होंने तिवारी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यदि उन्हें उद्घाटन कार्यक्रमों में जाने का ‘‘इतना ही शौक’’ है तो उन्हें रचनात्मक तरीके से काम करना चाहिए।
सिसोदिया ने दावा किया कि आईटीओ पर स्काईवाक के उद्घाटन में दिल्ली सरकार से किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह मोदी सरकार का नियम है कि दिल्ली में निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री को किसी उद्घाटन कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। हमने जानबूझकर (तिवारी को) आमंत्रित नहीं किया।’’
इससे पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तिवारी और उनके समर्थकों की आप सदस्यों के साथ कथित रूप से धक्कामुक्की हुई। तिवारी और उनके समर्थकों ने कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करने के लिए प्रदर्शन किया।
जब यह विरोध प्रदर्शन हुआ उस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वहां मौजूद नहीं थे।
भाजपा ने यद्यपि कहा कि आप नेता अमानतुल्ला खान ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया और तिवारी को धक्का दिया।
इस बीच संयुक्त पुलिस आयुक्त (पूर्वी क्षेत्र) रवींद्र यादव ने कहा कि मुख्य कार्यक्रम बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम स्थल पर ड्यूटी पर तैनात हमारे कर्मियों ने अत्यधिक संयम बरता। कुछ नारेबाजी हुई लेकिन पुलिस ने समूहों को अलग कर दिया और वहां कोई झड़प या हिंसा नहीं होने दी।’’
यादव ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस द्वारा स्थिति से बहुत पेशेवर तरीके से निपटा गया।’’
तिवारी उत्तर पूर्व दिल्ली से सांसद हैं और पुल उनके संसदीय क्षेत्र में आता है।
सिग्नेचर ब्रिज: कुतुब मीनार से दोगुना ऊंचा
उद्घाटन के साथ यह ब्रिज अब लोगों के लिए पर्यटन का एक नया केंद्र होगा। इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार से दोगुनी है। 14 वर्षों से यह परियोजना लटकी हुई थी।
यह नया महत्वपूर्ण स्थल यमुना नदी के पार वजीराबाद को शहर के आंतरिक भाग से जोड़ता है और इससे उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बीच यात्रा में कम समय लगेगा।
154 मीटर ऊंचे इस पुल का उद्घाटन करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह पुल स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक केंद्र बनेगा। जो लोग इंडिया गेट और कुतुब मीनार जैसे ऐतिहासिक स्थल को देखने दिल्ली आते हैं, वे अब इस पुल को देखकर रोमांचित महसूस करेंगे।
इस पुल से बड़ी संख्या में उन यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी जो पहले वजीराबाद इलाके में एक छोटे से पुल पर लंबे यातायात जाम में फंस जाते थे।
अब उन लोगों को यात्रा में कम समय लगेगा।
कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है और सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई 154 मीटर है।