मायावती के करीबी रहे जुगल किशोर भाजपा से जुड़े
किशोर की पत्नी और बेटे ने एक साल पहले ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। लेकिन राज्यसभा का सदस्य होने के कारण किशोर भाजपा से नहीं जुड़ सके थे। जुगल किशोर को बसपा विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। किशोर ने मायावती को धन लेकर चुनाव टिकट देने का गंभीर आरोप लगाया था। किशोर ने कहा था कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उनके बेटे सौरभ सिंह को देने के लिए पैसे मांगे गये थे। उसके बाद से जुगल किशोर भाजपा में जाने की आस लगाए बैठे थे।
शुक्रवार को भाजपा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी और प्रदेश प्रभारी ओम माथुर की उपस्थिति में किशोर ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा और सपा के कई असंतुष्ट नेताओं को अपने पाले में करने में जुटी है। इसी कड़ी में जुगल किशोर को पार्टी से जोड़ा है।
बसपा प्रमुख के करीब रहे कई नेता धीरे-धीरे पार्टी छोड़ चुके हैं। इससे पहले दारा सिंह चौहान, बाबू सिंह कुशवाह, अखिलेश दास बसपा छोड़ अन्य सियासी दलों के साथ जुड़े चुके हैं। मजेदार बात यह है कि ज्यादातर नेताओं ने मायावती पर पैसे लेने का ही आरोप लगाया है।